नई दिल्ली : मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस नेता और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल के बेटे फैजल पटेल और दामाद इरफान सिद्दीकी पर ईडी शिकंजा कस सकता है। जानकारी के अनुसार संदेसरा ग्रुप के एक्जिक्यूटिव सुनील यादव ने ईडी को दिए गए बयान में आरोप लगाया है कि इस ग्रुप के मालिक चेतन संदेसरा और उनके सहयोगी गगन धवन ने सिद्दीकी को काफी कैश दिया था और फैजल पटेल के ड्राइवर को भी कैश दिया गया, इतना ही नहीं इसकी डिलिवरी चेतन संदेसरा की तरफ से अहमद पटेल के बेटे को की जानी थी।
यादव ने बताया कि चेतन अक्सर अहमद पटेल के घर जाया करते थे और वह इस जगह को ‘हेडक्वॉर्टर 23’ नाम से बुलाते थे। यादव ने बताया कि सिद्दीकी को संदेसरा जे2 और फैजल पटेल को जे1 बुलाते थे। यादव का बयान प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के सेक्शन 50 के तहत रिकॉर्ड किया गया। इसे न्यायिक कार्यवाही माना गया और यह अदालत में भी सबूत के तौर पर स्वीकार्य है।
वहीं अहमद पटेल ने ईडी से इस पूरे मामले में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है। वहीं सिद्दकी ने कहा कि इस मामले में वे खुद संवाददाताओं के सामने आएंगे और इस पर बात करेंगे। हालांकि अभी तक उनकी तरफ से कोई बयान नहीं आया है। ईडी के समन के बावजूद चेतन अब तक जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए हैं। वहीं गगन धवन को गिरफ्तार किया जा चुका है।
यह है पूरा मामला
गुजरात स्थित स्टर्लिंग बायोटेक नामक फार्मा कंपनी के नाम पर आंध्रा बैंक से 5 हजार करोड़ का कर्ज लिया गया था। कई नोटिसों के बावजूद कंपनी प्रमोटर्स ने पैसे वापस नहीं किए। इसके बाद बैंक ने इस बात की शिकायत सीबीआई से कर दी। सीबीआई ने बैंक की शिकायत पर फार्मा कंपनी के डायरेक्टर जयंतीलाल संदेसरा, दीप्ति चेतन, राजभूषण ओम प्रकाश दीक्षित, नितिन जयंतीलाल और चार्टर्ड एकाउंटेंट हेमंत हाथी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इस पर संज्ञान लेते हुए ईडी ने प्रिवेंशन आॅफ मनी लाॅन्ड्रिंग एक्ट में केस दर्ज कर जांच शुरू की थी।