नई दिल्ली : भारतीय आसमान में जल्द मेड इन इंडिया यात्री विमान उड़ान भरेगा। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने 19 सीट वाले डॉर्नियर-228 विमान का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।
अधिकारियों ने कहा कि एचसीएल को विमानन प्राधिकरण डीजीसीए से इस हफ्ते सर्टिफिकेट मिल जाएगा और इसके बाद डॉर्नियर विमानों का व्यवसायिक इस्तेमाल शुरू हो जाएगा। यह पहली बार होगा जब डीजीसीए किसी भारतीय विमान को यात्री सेवा का लाइसेंस देगा। सशस्त्र बल पहले से डॉर्नियर विमान का इस्तेमाल कर रहे हैं, पर अब इसे यात्री सेवा में उतारा जाएगा।
एचएएल ने इस विमान का निर्माण किया है। स्विस टेक्नोलॉजी कंपनी आरयूएजी से सैन्य सेवाओं के लिए इसका लाइसेंस लिया गया था। अधिकारियों के मुताबिक यात्री सेवा के लिए इस विमान का परीक्षण कानपुर में किया गया। डीजीसीए के अधिकारियों के मुताबिक प्रमाणपत्र की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और जल्द एचएएल को मंजूरी मिल जाएगी।
कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक ट्रायल देखने के बाद डीजीसीए की टीम ने विमान को उड़ान योग्यता का प्रमाणपत्र पहले ही दे दिया है। अब एचएएल इस तैयारी में लगा है कि एक बार ऑर्डर मिलना शुरू होने के बाद सप्लाई में कोई समस्या न आए। इसके लिए कानपुर में कंपनी के पास एक विशेष असेंबलिंग लाइन पहले से ही है।
सरकार की मेक इन इंडिया योजना को भी काफी बल मिलेगा। घरेलू विमान को बढ़ावा देने के लिए डॉर्नियर का इस्तेमाल करने वाली एयरलाइंस को कुछ छूट भी दी जा सकती है। अभी सभी निजी और सरकारी विमानन कंपनियां विदेशों से ही सभी आकार के विमानों की खरीद करती हैं। इस कदम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आम नागरिकों को सस्ता हवाई सफर कराने की उड़ान योजना को भी ताकत मिलेगी।
एचएएल डॉर्नियर-228 विमान का निर्यात करने की भी तैयारी कर रही है। अफसरों ने बताया है कि शुरुआत में इसका निर्यात नेपाल और श्रीलंका को किया जा सकता है। डॉर्नियर-228 का एयर टैक्सी और टोही विमान के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। तटरक्षक बल भी इस 19 सीटों वाले विमान का प्रयोग कर सकते हैं।