breaking news ख़बर चुनाव बड़ी ख़बरें बिहार राजनीति राज्य की खबरें

15 साल बाद नीतीश पहुंचे मोदी के गुजरात, 15 साल यूं चला दोस्ती-दुश्मनी का खेल

गांधीनगर : गुजरात में भारतीय जनता पार्टी ने छठी बार सरकार बनाई। राजधानी गांधीनगर में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया, जहां विजय रूपाणी ने मुख्यमंत्री और नितिन पटेल ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस शपथ ग्रहण समारोह के जरिए बीजेपी ने अपना शक्ति प्रदर्शन भी किया। कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष समेत कई केंद्रीय मंत्रियों एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता पहुंचे। साथ ही साधु-संत और विभिन्न धर्मों के नेता भी यहां आए। इन सबके अलावा एनडीए शासित 18 राज्यों के मुख्यमंत्री भी मंच पर नजर आए। मंच पर मौजूद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर सबसे खास रही।

दरअसल, इसकी बड़ी वजह भी है। नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार एनडीए के वो दो नेता हैं, जिनके रिश्तों में अक्सर उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं। 2002 में गुजरात देंगे हुए। पूरे देश में ये दंगे न सिर्फ चर्चा का विषय बने, बल्कि राज्य की तत्कालीन मोदी सरकार पर दंगे रोकने में नाकामी के इल्जाम भी लगे। गोधरा में जब ट्रेन को आग के हवाले किया गया, तब केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी और नीतीश कुमार रेल मंत्री हुआ करते थे। बतौर प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गुजरात सरकार को राजधर्म निभाने की नसीहत दी और नीतीश कुमार जांच के लिए खुद गुजरात गए और अपनी रिपोर्ट पेश की। इसके बाद ये भी चर्चा रही कि गोधरा केस कानून-व्यवस्था का मसला था, जो कि राज्य सरकार का विषय है।

एनडीए का हिस्सा होने के बाजवूद गुजरात दंगों के बाद नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी के आपसी रिश्तों पर चर्चा होने लगी। 2004 में अटल सरकार चली गई और 2005 में नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद संभालकर फिर से बिहार में वापसी कर ली। दूसरी तरफ, 2002 से 2012 तक नरेंद्र मोदी लगातार गुजरात के मुख्यमंत्री बनते रहे, लेकिन कोई ऐसा मौका देखने को नहीं मिला जब वो गुजरात की धरती पर गए और साथ नजर आए हों।

हालांकि, गुजरात के बाहर दोनों नेताओं ने जरूर एक साथ मंच साझा किया, लेकिन उस पर भी काफी खटास सामने आई। ऐसी एक तस्वीर मई 2009 में लुधियाना से सामने आई, जब टीआरएस एनडीए का हिस्सा बने। इस कार्यक्रम में बीजेपी के तमाम वरिष्ठ नेताओं समेत एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी पहुंचे थे। इनमें गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी थे। दोनों नेताओं ने एक साथ न सिर्फ मंच साझा किया था, बल्कि एक-दूसरे का हाथ पकड़कर मंच से अपने रिश्तों में गर्माहट दिखाने की भी कोशिश की। हालांकि, इस मीटिंग से पहले नीतीश कुमार की तरफ से ऐसा बयान सामने आया था कि वो मोदी के साथ मंच साझा नहीं करेंगे। इसके बाद खबर ये भी आई कि लालकृष्ण आडवाणी ने अरुण जेटली के जरिए नीतीश कुमार को लुधियाना आने का विशेष आग्रह कराया। हालांकि, जब दोनों मंच पर मिले तो मोदी के हाथ में नीतीश का हाथ नजर आया।

लुधियाना में मोदी के साथ मंच साझा करने के बाद भी नीतीश कुमार की असहजता सामने आई। जून 2010 में जब पटना में बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई तो फिर दोनों नेताओं के बीच की कड़वाहट का नमूना देखने को मिला। नीतीश कुमार ने बीजेपी नेताओं के लिए प्रस्तावित डिनर पार्टी ही रद्द कर दी। खबर आई कि बिहार में बाढ़ प्रभावितों की मदद को लेकर गुजरात सरकार के विज्ञापन से नीतीश कुमार खुश नहीं थे। जिसका असर ये हुआ कि नीतीश कुमार ने न सिर्फ डिनर कैंसल कर दिया बल्कि गुजरात सरकार द्वारा बाढ़ पीड़ितों के लिए भेजी गई राशि भी लौटा दी। इतना ही नहीं सार्वजनिक तौर पर नीतीश कुमार बाढ़ पीड़ितों की मदद को मानवीयता का आधार बताते हुए उस पर प्रचार की आलोचना करते रहे। यहां तक कि बिहार में नरेंद्र मोदी को प्रचार न करने देने की भी खूब चर्चा रही।

इसके बाद 2014 लोकसभा चुनावों की सरगर्मियों के बीच भी नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी को लेकर तमाम खबरें चलीं। एक तरफ बीजेपी मोदी के चेहरे पर लोकसभा चुनाव लड़ने की योजना बना रही थी, वहीं दूसरी तरफ नीतीश कुमार से भी पीएम पद की दावेदारी के सवाल किए जा रहे थे। अंतत: सितंबर 2013 में बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया, लेकिन इससे पहले ही जून 2013 में नीतीश कुमार ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया और एनडीए से उनका 17 साल पुराना रिश्ता खत्म हो गया।

2014 के लोकसभा चुनाव में मात खाने के बाद नीतीश कुमार ने ‘महागठबंधन’ का नेतृत्व करते हुए 2015 विधानसभा चुनाव में शानदार जीत दर्ज की। महागठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस भी शामिल थी, लेकिन जुलाई 2017 में नीतीश एक बार लालू और कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी के साथ चले गए। हालांकि, इससे पहले ही मोदी और बीजेपी से उनकी दूरियां कम होने की तस्वीरें आने लगी थीं। प्रकाश पर्व के मौके पर पीएम मोदी पटना गए और यहां नीतीश कुमार मंच पर उनके साथ ठहाके लगाते दिखे। लेकिन 2002 के बाद आज ऐसा पहला मौका आया जब नीतीश कुमार गुजरात गए और नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा किये।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *