पटना : 21 साल पुराने चारा घोटाले के एक मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को रांची की सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने दोषी करार दिया है। सजा का ऐलान 3 जनवरी को होगा। अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र के अलावा बिहार के पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद और पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत, हार्दिक चंद्र चौधरी, सरस्वती चंद्र और साधना सिंह को बरी कर दिया है।
देवघर चारा घोटाला केस में कुल 22 आरोपियों में कोर्ट ने जगन्नाथ मिश्र समेत कुल 6 आरोपियों को बरी किया है। लालू समेत 16 अन्य आरोपियों को दोषी करार दिया गया है।
लालू को तीन जनवरी तक जेल में रहना होगा। यानी उनका नया साल जेल में ही मनेगा। लालू यादव समेत सभी 16 दोषियों को को बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में भेजा गया है। लालू रांची स्थित सीबीआई स्पेशल कोर्ट में अपने बेटे तेजस्वी यादव के साथ पहुंचे थे।
21 साल पुराने इस मामले में सीबीआई ने शुरु में 34 लोगों को आरोपी बनाया था। इसमें 11 की मौत ट्रायल के दौरान हो गई। दो आरोपी सरकारी गवाह बन गए और निर्णय के पूर्व ही अपना दोष स्वीकार कर लिया। सीबीआई ने इस मामले में देवघर कोषागार से फर्जी बिल बना कर राशि की निकासी करने का आरोप लगाया था। आपूर्तिकर्ताओं पर बिना सामान की आपूर्ति किए बिल देने और विभाग के अधिकारियों पर बिना जांच किए उसे पास करने का आरोप है। लालू प्रसाद पर गड़बड़ी की जानकारी होने के बाद भी इस पर रोक नहीं लगाने का आरोप है।