मुंबई : जब आतंकवाद खत्म के लिए खुद सलमान खान हथियार उठा लें तो फिर दर्शक उसे देख मंत्रमुग्ध क्यों ना हो जाएं। आज रिलीज हुई फिल्म ‘टाइगर ज़िदा है’ में सलमान आतंकवाद खत्म कर पूरी दुनिया में शांति लाने के मिशन पर निकलते हैं। अपने एक्शन से दर्शकों को इंटरटेन तो करते ही हैं साथ में वो आतंकवादियों को सफाया भी कर देते हैं। सलमान की पिछली फिल्म ‘ट्यूबलाइट’ फ्लॉप रही थी इस वजह से इस फिल्म में सुपरहिट होने की हर तरकीब को अपनाया गया है। यहां तक कि इसमें सलमान खान शर्टलेस भी हुए हैं।
कहानी
इस फिल्म के ट्रेलर में ही सारी कहानी बता दी गई थी। दुनिया का सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन 25 भारतीय नर्सों को किडनैप कर लेता है। उन्हें वहां से बचा कर ला पाना असंभव है और अब इसके लिए टाइगर (सलमान खान) को चुना जाता है। इस मिशन में टाइगर का साथ देती हैं ज़ोया (कैटरीना कैफ) जो आईएसआई की एजेंट हैं। इसके बाद ये दोनों किस तरह इस मिशन में कामयाब होते हैं यही पूरी कहानी है।
सलमान खान की ये खासियत है कि वो फिल्मों में कुछ ऐसा करते हैं जो अब तक किसी ने नहीं किया। इस फिल्म में सलमान अपने मिशन को कामयाब करने के लिए ISI और रॉ को एक साथ जोड़ते है। इससे पहले सलमान खान अपनी फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ में बिना वीजा लिए पाकिस्तान चले गए थे। अब इस फिल्म में वो पाकिस्तान के साथ मिलकर अपना मिशन कामयाब कर लेते हैं। फिल्म को देखकर लगता है कि काश फिल्मों की तरह ही आतंकवाद को इतनी आसानी से खत्म किया जा सकता तो क्या बात होती।
एक्टिंग
फिल्म के सभी सितारों ने अच्छी एक्टिंग की है, यहां तक कि कैटरीना कैफ ने भी। कैटरीना इसमें एक्शन करती नज़र आईं हैं और अच्छी बात ये है कि उसे पचाया जा सकता है। लेकिन इन सब के बाद फिल्म में उनके कुछ सीन ऐसे हैं जिन्हें देखकर बहुत सारे सवाल मन में पैदा होते हैं। जब भी टाइगर किसी मुसीबत में होता है उसे बचाने के लिए ज़ोया की एंट्री होती है। वो अचानक उस जगह कैसे पहुंच जाती हैं, उन्हें पता कैसे चलता है, वो कब प्लान करती हैं और कब उसे अंजाम देती हैं, ये तो शायद मेकर्स भी नहीं जानते होंगे। सब कुछ बस हो जाता है।
यही समस्या टाइगर के साथ भी है, लेकिन चुकि सलमान खान हैं तो वो कुछ भी कर सकते हैं। उनका यही अवतार दर्शकों को पसंद भी आता है । मिशन के दौरान सब कुछ बस हो जाता है। वो कब क्या करते हैं ये दिखाया नहीं जाता। सलमान इस फिल्म में अकेले ही सबसे बड़े आतंकवादी संगठन के मुखिया को मार गिराते हैं। जैसा कि ट्रेलर में ही कहा गया था कि ‘शिकार तो सब करते हैं लेकिन टाइगर से बेहतर शिकार कोई नहीं करता।’
इस फिल्म में नर्स की भूमिका में अनुप्रिया ने इतने बड़े कलाकारों के बीच अपनी पहचान बना पाई हैं। इस फिल्म में उनके कुछ ही दृश्य हैं लेकिन उनमें सिर्फ वही नज़र आती हैं। उनकी आंखों में डर साफ नज़र आता है। इसके अलावा अंगद बेदी, परेश रावल और कुमुद मिश्रा ने भी बहुत अच्छी एक्टिंग की है।
फिल्म में सलमान और कैटरीना के एक्शन सीन बहुत ही शानदार हैं। इसके सीक्वेंस को टॉम स्ट्रथर्स ने कोरियोग्राफ किया है जो हॉलीवुड की ‘इंसेप्शन’ और ‘द डार्क नाइट’ जैसी फिल्मों के लिए जाने जाते हैं।
क्यों देखें क्या ना देखें
अगर आप फिल्मों में दिमाग लगाते हैं तो बिल्कुल भी ना देखें। ये फिल्म देशभक्ति और आतंकवाद का ऐसा कॉकटेल है जिसे देखकर दर्शक खुद को सीटियां और तालियां बजाने से नहीं रोक पाएंगे। अगर आप सलमान के फैन हैं फिर तो ये क्रिसमस पर आपके लिए किसी बड़े तोहफे से कम नहीं है। आप इसे फैमिली के साथ इस वीकेंड इन्जॉय कर सकते हैं।