नई दिल्ली : रेलवे अपने स्टाफ की भर्ती में लगने वाले करीब दो साल के वक्त को कम करने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। यदि प्रस्ताव के अनुरूप कामकाज हुआ तो भर्ती की समूची प्रक्रिया दो साल की बजाए छह माह में ही पूरी हो सकेगी। ज्ञात हो कि रेलवे में स्टाफ की भारी किल्लत है, इसलिए वह भर्ती को आसान बनाने के विकल्पों पर विचार कर रहा है। इसमें अन्य उपायों के अलावा ऑनलाइन टेस्ट भी शामिल है।
दरअसल 24 नवंबर को वास्कोडिगामा-पटना एक्सप्रेस के बेपटरी होने के बाद रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी द्वारा बुलाई गई बैठक में रेलवे के सभी जोन प्रमुखों ने रिक्त पदों पर भर्ती का मसला उठाया था। बैठक के मिनट्स के अनुसार नार्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे के जनरल मैनेजर सी. राम ने कहा था कि भर्ती प्रक्रिया में बहुत वक्त लगता है, आवेदन प्राप्त करने के बाद से करीब-करीब दो साल लग जाते हैं। इसके लिए ऑनलाइन टेस्ट व अन्य उपाय करते हुए इसकी गति बढ़ाई जाना चाहिए। राम ने बैठक में 17 महाप्रबंधकों की मौजूदगी में यह बात कही थी।
राम के सुझाव पर चेयरमैन लोहानी ने कहा था कि रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) को समूची प्रक्रिया की समीक्षा कर इसे छह माह में पूरी करने का लक्ष्य रखना चाहिए। इसके साथ ही बोर्ड ने रेलवे के सभी विभागों को निर्देश दिया कि इस मुद्दे पर सभी अपने प्रस्ताव 20 दिसंबर तक प्रेषित करें।
कुछ अन्य महाप्रबंधकों ने उक्त बैठक में कई अहम सुझाव भी दिए। कुछ ने कहा कि जोनल रेलवे को अपनी रिक्तियों की सूचना बोर्ड को देने की बजाए सीधे आरआरबी को देने की अनुमति देना चाहिए। इससे भी स्टाफ भर्ती में कम वक्त लगेगा।
13 लाख हैं कर्मचारी 2.25 लाख पद रिक्त
13 लाख है दिसंबर 2016 की स्थिति में रेलवे के कुल स्टाफ की संख्या।
2,25,823 लाख पद ग्रुप ‘सी’ और ‘डी’ के रिक्त हैं।
1,22,911 पद सिक्योरिटी कैटेगरी के खाली हैं।
17,464 पद लोको रनिंग स्टाफ के रिक्त हैं।
इन श्रेणियों में रिक्त हैं पद ड्राइवर, गार्ड, गैंगमेन व अन्य तकनीकी स्टाफ।