नई दिल्ली : सोमवती अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन गंगा स्नान और दान आदि करने का विधान है। इस बार यह अमावस्या 18 दिसंबर, यानि सोमवार को है। हिन्दू धर्म में सोमवार को आने वाली अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है। शास्त्रों में कहा गया है कि माघ, पौष के महीने में नदी या सरोवर में प्रात: स्नान कर भगवान सूर्य को अर्घ्य देने से अमोघ फल प्राप्त होता है। सोमवती अमावस्या के दिन आप अपने इष्ट देव और पितरों का आशीर्वाद लें। ऐसा करने से हमेशा आपके घर में सुख-समृद्धि बनी रहेगी।
हिन्दू धर्म में सोमवार को आने वाली अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है। सोमवती अमावस्या पर पितरों के लिए तर्पण और कर्मकांड के साथ ही स्नान और यज्ञ का भी विशेष महत्व है। मान्यता है कि पितरों को जल देने से उन्हें तृप्ति मिलती है।
सोमवती अमावस्या के दिन 108 बार तुलसी की परिक्रमा करने का विधान है। इसके साथ ही सूर्य नारायण को जल भी चढ़ाएं। कहते हैं ऐसा करने से घर में आई दरिद्रता दूर होती है।
महाभारत में भीष्म ने युधिष्ठिर को इस दिन का महत्व समझाते हुए कहा था कि, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने वाला मनुष्य समृद्ध, स्वस्थ्य और सभी दुखों से मुक्त होगा। ऐसा भी माना जाता है कि स्नान करने से पितरों कि आत्माओं को शांति मिलती है। इस दिन गरीब-निराश्रितों को भोजन-वस्त्र दान करने वाले पापों से मुक्त होकर मनोवांछित फल के भागीदार बनते हैं।