नई दिल्ली : जब भी आप डेबिट कार्ड से किसी दुकान पर 2000 रुपये तक की खरीदारी करेंगे, तो आपको मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) के तौर पर कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं चुकाना पड़ेगा। केंद्र सरकार ने 2 साल के लिए एमडीआर चार्ज खुद ही वहन करने की बात कही है। डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से उठाया जा रहा यह कदम अगले साल जनवरी से लागू होगा। शुक्रवार को केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग में इस फैसले पर मुहर लगाई गई।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि यह व्यवस्था ठीक से लागू हो, इसके लिए एक कमिटी बनाई गई है। उन्होंने कहा कि देश में डिजिटल ट्रांजैक्शन में लगातार बढ़ोतरी हुई है। अप्रैल से सितंबर 2017 में केवल डेबिट कार्ड से 2 लाख 18 हजार, 700 करोड़ का कैशलेस लेनदेन हुआ है।
अगर यही रफ्तार रही तो इस वित्त वर्ष के अंत तक यह 4 लाख 37 हजार करोड़ का हो जाएगा। उन्होंने इसके साथ ही बताया कि सरकार देश केा 1 ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने के लिए लगातार नये प्रयास कर रही है और देश इसकी तरफ अग्रसर हो रहा है।
बता दें कि इससे पहले आरबीआई ने एमडीआर चार्जेज घटा दिए थे। इनको लेकर कारोबारियों ने आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि इस व्यापारियों का खर्च बढ़ेगा। इसको देखते हुए ही सरकार ने यह कदम उठाया है।
सरकार ने यह फैसला इसीलिए लिया है क्योंकि 1 जनवरी से एमडीआर को लेकर नए नियम लागू होने वाले हैं। नए नियमों के मुताबिक अब एमडीआर भुगतान की राशि के बजाए दुकानदार के टर्नओवर पर निर्भर करेगा। 20 लाख से ज्यादा टर्नओवर वाले व्यापारियों पर 0.9 प्रतिशत एमडीआर लगेगा। जबकि 20 लाख से कम टर्नओवर वाले व्यापारियों को पॉइंट 0.4% एमडीआर देना होगा। क्यूआर कोड के जरिए पेमेंट पर एमडीआर 0.1 प्रतिशत कम होगा।