आजकल स्वप्नदोष युवाओ में एक सामान्य सेक्सुअल समस्या है और स्वपनदोष किसी भी उम्र के पुरुषों को हो सकती है और यह बिलकुल एक सामान्य प्रक्रिया है और इसमें कोई भी असमान्तया नहीं है। वो कहते है ना किसी भी चीज़ की अधिकता अच्छी नहीं होती ठीक उसी तरह अगर स्वपनदोष नियमित रूप से अधिक हो तो यह एक चिंता का विषय हो सकता है। अत्याधिक स्वपनदोष का शारीरक परेशानी के साथ साथ मानसिक दबाब भी पुरुष के ऊपर पड़ता है और वो और इस समस्या से बचने का उपाय सोचने लगते है और कभी कभी नीम हाकिम के चक्कर में पड़ कर बहुत सारी परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है। स्वप्नदोष से थकान, अंडकोष में दर्द, कमजोर स्खलन और शीघ्रपतन जैसी समस्यायें हो सकती हैं।
अभी तक स्वप्नदोष के होने वाले कारणों को ले कर कोई भी पुख्ता राय नहीं है मगर हस्तमैथुन और कामुक विचारों को इसके लिए उत्तरदायी माना जाता है। कुछ विशेषज्ञों के अनुसार हमारे शरीर में लगातार वीर्य का निर्माण होता जब किन्ही कारणों से यह वीर्य शरीर के बाहर नहीं निकल पाता तो शरीर खुद-ब-खुद इसे स्वपनदोष के माध्यम से शरीर से बाहर निकल देता है। कई लोग स्वप्नदोष से बचने के लिए हस्तमैथुन करने की सलाह देते है और साथ ही साथ ही कुछ घरेलू उपाय भी हैं। कुदरती और प्राकृतिक उपायों का शरीर पर कोई बुरा असर नहीं होता और इनका असर भी प्रभावी होता है।
महीने में दो या तीन बार स्वप्नदोष का होना सामान्य है। लेकिन, अगर यह प्रक्रिया ज़्यादा होने लगे तो यह चिंता का विषय बन सकता है। कई शीघ्रपतन को भी स्वप्नदोष की समस्या से जोड़कर देखते है। कुछ मामलों में स्वप्नदोष से पीडि़त लोगों को संभोग के दौरान लिंग निष्क्रिय होने की समस्या हो सकती है।
स्वप्नदोष से कैसे बचें
हस्तमैथुन करने से भी स्वप्नदोष से बचा जा सकता है।
रोजाना व्यायाम करने से भी शारीरिक ऊर्जा का सही इस्तेमाल होता है।
सेक्स और कामुक सोच से दूर रहे।
विटामिन बी से भरपूर आहार लेने की कोशिश करें ।
अपने सोने और उठने का समय भी निर्धारित करें।
अपने मन को शांत रखें।
स्वप्नदोष से बचने के कुदरती उपाय
रोजाना आंवले का मुरब्बा और गाजर का रस ले ।
तुलसी की जड़ के टुकड़े को पीसकर पानी के साथ पियें।
रात को पानी के साथ काली तुलसी के 10-12 पत्ते ले। ।
लहसुन की दो कली निगल ले और कुछ देर के बाद गाजर का रस पिएं।
मुलहठी का आधा चम्मच चूर्ण और आक की छाल का चूर्ण एक चम्मच दूध के साथ लें।
रात में त्रिफला चूर्ण एक लीटर पानी में भिगो कर रख दे और सुबह छानकर पी ले।