बगदाद : इराक सेना ने अपने मुल्क को आईएस की गिरफ्त से लगभग मुक्त कर दिया है, इस बीच गुरूवार को 38 और आतंकियों को फांसी पर लटका दिया। इसमें अलकायदा और आईएस के आतंकी शामिल है। ये सभी आतंकी इराक के दक्षिणी प्रांत के नासिरियाह शहर में कैद थे। इराक पिछले कई सालों से आईएस आतंकियों के खिलाफ लड़ रही है और इस जंग में उन्हें बहुत बड़ी सफलता हासिल हुई है।
इससे पहले इराक ने 25 सितंबर को 42 आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया था। सितंबर के बाद इराक में आतंकवादियों के खिलाफ यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। जेल प्रशासन ने कानून मंत्री हैदर अल-जामेली के आदेश के बाद अलकायदा और आईएस के आतंकियों को फांसी पर लटका दिया गया। जेल सूत्रों के मुताबिक, मौत के घाट उतारे गए सभी आतंकी इराकी थे और एक स्वीडन का रहने वाला था।
पिछले सप्ताह इराक के राष्ट्रपति हैदर-अल-अबदी ने अपने मुल्क में आईएस पर विजय की घोषणा की थी। इराक और यूएस मिलिट्री ने मिलकर इराकी शहरों पर सालों से कब्जा किए जिहादियों से मुक्त करवाकर बड़ी उपलब्धी हासिल की है।
हालांकि मानव अधिकार समूहों ने इराक में इस तरह की फांसी की सजा देने का विरोध किया है। 25 सितंबर के बाद आतंकियों को फांसी देने की ये सबसे बड़ी सजा है। इस दिन 42 आतंकियों को फांसी के फंदे पर लटकाया गया था। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी कहा है कि आईएस के खिलाफ इराक को मिली जीत पर आतंकियों को इस तरह फांसी देना एक दाग की तरह है।
आपको बता दें कि, एम्नेस्टी इंटरनेशनल कई बार फांसी के खिलाफ अपनी आवाज उठा चुका है। चीन, ईरान और सऊदी अरब के बाद इराक में सबसे ज्यादा फांसी की सजा दी जाती है।