नई दिल्ली : कंज्यूमर्स को जल्द ही पेट्रोल-डीजल के लिए ज्यादा कीमतें चुकानी पड़ सकती हैं। इंटरनेशन मार्कीट और इंडियन बास्केट में क्रूड की कीमतें लगातार बढ़ने से तेल कंपनियों के मार्जिन पर दबाव दिख रहा है। ऑयल मार्कटिंग कंपनियों के शेयरों में 26 अक्टूबर के बाद से गिरावट दिख रही है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल पर एक्साइड ड्यूटी कम किए जाने के बाद से क्रूड 19 फीसदी महंगा हो चुका है। ऐसे में जल्द ही पेट्रोल और डीजल की कीमतें एक बार में ही 2 रुपए प्रति लीटर तक बढ़ सकती हैं।
अभी क्रूड की कीमतें रोजाना बेसिस पर रिवाइज्ड की जाती हैं, जो 2 से 3 पैसे तक घटती या बढ़ती हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि गुजरात चुनाव के बाद तेल कंपनियां कीमतें एक झटके में 2 रुपए तक बढ़ा सकती हैं, जिसके बाद उसी प्राइस बेस पर आगे कीमतें रिवाइज्ड होती रहेंगी। बता दें कि बुधवार को क्रूड की कीमतें 65 डॉलर प्रति बैरल क्रॉस कर 30 महीनों के टॉप पर पहुंच गई थीं। वहीं इंडियन बास्केट में भी क्रूड लगातार महंगा होकर 61.60 डॉलर पर है। तेल उत्पादक देशों के रुख और प्रमुख पाइपलाइन के कुछ दिन बंद रहने से आगे क्रूड में और इजाफा हो सकता है।
अक्टूबर की शुरूआत में महंगे हो रहे पेट्रोल-डीजल को देखते हुए सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर 2 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी कम कर दी थी। उसके बाद से क्रूड 19 फीसदी तक महंगा हो चुका है। वहीं, इस दौरान इंडियन बास्केट में क्रूड की कीमतें 11 फीसदी से ज्यादा बढ़ चुकी हैं। इसके रेश्यो में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 1.09 फीसदी तक ही इजाफा हुआ है। वहीं, अक्टूबर ऐसे में ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के मार्जिन पर दबाव बना हुआ है।