मुंबई : भारतीय सिने जगत की बेहतरीन अदाकारा स्मिता पाटिल की आज पुण्यतिथि है। उन्होंने भारतीय सिनेमा को अपने जीवन के मात्र दस वर्ष दिये, लेकिन उनके दस साल इतने अद्भुत हैं कि आज तक कोई अभिनेत्री उनकी बराबरी नहीं कर पायी है। स्मिता पाटिल एक शानदार एक्ट्रेस तो थीं ही उनमें वो सारी खूबी भी थी जो एक एक्ट्रेस को सौ प्रतिशत बनाती है, लेकिन इतनी बेहतरीन अभिनेत्री मात्र 31 वर्ष की उम्र में ही इस दुनिया को अलविदा कह गयी थी।
स्मिता पाटिल ने अपने कैरियर की शुरुआत 1975 में श्याम बेनेगल की फिल्म ‘चरणदास चोर’ से की थी। स्मिता ने अपने कैरियर में कुल 80 हिंदी और मराठी फिल्मों में काम किया था। स्मिता पाटिल को समानांतर सिनेमा की लीडिंग एक्ट्रेस माना जाता है। उन्होंने कई ऐसी फिल्मों में काम किया, जिसमें अपने शानदार अभिनय से उन्होंने दर्शकों का दिल जीत लिया। उन्होंने ‘भूमिका’, आक्रोश, चक्र, मंडी, अर्द्धसत्य, बाजार और मिर्चमसाला जैसी फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया। इन्हें हिंदी फिल्म भूमिका और चक्र के लिए 1977 और 1980 में बेस्ट एक्ट्रेस का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला था। वहीं 1978 में इन्होंने मराठी फिल्म ‘जैत रे जैत’ के लिए भी बेस्ट एक्ट्रेस का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार अपने नाम किया था। स्मिता मुख्यधारा की कई फिल्मों में भी काम किया जिनमें शक्ति और नमकहलाल जैसी फिल्में शामिल हैं।
स्मिता पाटिल एक बेहतरीन अभिनेत्री तो थीं, जिसके कारण उनका दामन खुशियों से भरा था, लेकिन अगर उनके व्यक्तिगत जीवन की बात करें, तो उन्हें बहुत खुशी नहीं मिल पायी। स्मिता पाटिल ने एक शादीशुदा एक्ट्रेस राज बब्बर से प्रेम किया। स्मिता के साथ रिश्तों के कारण राज बब्बर ने अपनी पहली पत्नी को तलाक दिया, जिसके कारण स्मिता को हमेशा ताने सुनने पड़ें। यहां तक कि लोग उन्हें दूसरी औरत का ताना भी देते थे। राज बब्बर की पहली पत्नी नादिरा ने भी स्मिता पर कई आरोप लगाये थे। चूंकि स्मिता एक सक्रिय नारीवादी थीं और महिला अधिकारों की पैरोकार थीं, इसलिए भी जब उन्होंने एक शादीशुदा आदमी को शादी के लिए चुना तो काफी बातें हुईं थीं। 13 दिसंबर 1986 को बच्चे के जन्म के समय हुई जटिलताओं के कारण स्मिता का निधन हो गया। उस वक्त उनका बेटा प्रतीक मात्र 15 दिन का था।