नालंदा : नालंदा जिला के रहने वाले तरुण कुमार को उनके ही पड़ोस के गांव के सुरेन्द्र प्रसाद और भूषण प्रसाद बतौर गाड़ी चालक बुलाकर ले गए। तरुण पेशे से ड्राईवर था इसलिए वह उनके साथ हो लिया। इस घटना को गुजरे एक माह से भी अधिक हो गए, लेकिन वह वापस अपने घर नहीं लौट पाया। अब उसकी पत्नी पिंकी देवी अपनी गोद में नन्हें बच्चे को लेकर बावली बनी हर आने – जाने वालों से तरुण के बारे में ही पूछती है कि क्या उन्होंने उसके तरुण को कहीं देखा है, इस पुरे घटना को विस्तार से बता रहे हैं हमारे विशेष संवाददाता धर्मेंद्र प्रताप –
हिलसा थानांतर्गत चकजोहरा खुर्द के रहनेवाले देवनंदन प्रसाद ने स्थानीय थाना में एक प्राथमिकी दर्ज करवाते हुए थाना प्रभारी से अपने पुत्र के बरामदगी की गुहार लगाई है। उन्हें आशंका है कि सुरेंद्र प्रसाद और उनके भाई भूषण प्रसाद ने तरुण का अपहरण कर लिया है। थाना में दर्ज प्राथमिकी में उन्होंने कहा है कि 3 नवंबर 2017 की शाम दोनों भाई उनके घर आकर उनके पुत्र तरुण को गाड़ी चलाने के नाम पर ले गए, जिसकी वापसी आजतक नहीं हुई। तरुण अपने मोटरसाईकिल जिसका जिसका नंबर बी. आर. 21 एफ 9089 है से ही विदा हुआ था और उसी पर सुरेंद्र प्रसाद और भूषण भी सवार हुए थे।
बाद में जब उन्हें किसी अनहोनी का आभास हुआ तो उन्होंने अपने बेटे के मोबाईल फोन 8581882010 पर संपर्क करना चाहा, लेकिन संपर्क नहीं हुआ और आजतक यह स्थिति बनी हुई है। खोजबीन के क्रम में मैं सुरेंद्र प्रसाद के घर बोलबाबाग हिलसा भी गया लेकिन तरुण वहां भी नहीं मिला। यहां तक कि सुरेंद्र और उसका भाई भूषण भी वहां नहीं था। पूछने पर सुरेंद्र की पत्नी बोली, दोनों भाई घर से बाहर हैं। उसी गांव के बिजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि उस दिन यानि 3 नवंबर को ही उन्होंने तीनों व्यक्तियों को एकंगरसराय की ओर एक मोटरसाईकिल से जाते हुए देखा था।
प्राथमिकी में देवनंदन प्रसाद ने स्पष्ट रूप से बताया है कि सुरेंद्र और भूषण दोनों भाईयों ने संयुक्त रूप से उनके पुत्र का अपहरण कर लिया है, लेकिन मजे की बात तो यह है कि सबकुछ साफ होने के बाद भी इस मामले में पुलिस प्रशासन अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है और जब इस मामले में पीड़ित परिवार पुलिस से पूछता है तो स्थानीय थाना उन्हें डांटकर भगा देता है। इस कहानी का रोचक पहलू यह है कि यह उसी जिले की कहानी है जहां से स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आते हैं।
इस बाबत एडीजी हेड क्वाटर एसके सिंहल ने बताया कि आरोपित अभियुक्तों की गिरफ़्तारी का आदेश दे दिया गया है, लेकिन तरुण कुमार भी अपराधी गतिविधियों में संलिप्त रहा है। उसके खिलाफ डकैती का मामला दर्ज है।