नई दिल्ली। मालेगांव ब्लास्ट में 8 साल 9 महीने की सजा काटने के बाद कर्नल श्रीकांत पुरोहित ने लगभग 9 साल बाद अपने बदन पर वर्दी पहनी। कर्नल पुरोहित की फोटो सामने आई है जिसमें वो मुस्कुराते हुए नजर आ रहे हैं। मालूम हो, देश में हिंदू आतंकवाद को बढ़ावा देने और मालेगांव ब्लास्ट में शामिल होने का आरोप लगने के बाद पुरोहित को गिरफ्तार कर लिया गया था। तब सेना ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था। हालांकि उनके वकील के मुताबिक, बाद ने सेना ने उन्हें बहाल कर दिया था, इसलिए जेल से रिहा होने के बाद वे तुरंत अपनी ड्यूटी पर गए। वहीं रिहाई के बाद पुरोहित ने भी यही बात कही थी। उनके मुताबिक, मैं फिर से देश सेवा करना चाहता हूं। रिहाई से मैंने राहत की सांस ली है। ले. कर्नल पुरोहित पूरे नौ साल जेल में रहने के बाद जमानत पर रिहा हुए। उन्होंने ये सजा मुंबई की तोलजा जेल में काटी। 2008 में हुए मालेगांव बम धमाके के आरोपी पूर्व मिलिटरी इंटेलिजेंस ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित 9 साल बाद बुधवार को जेल से बाहर आ गए। सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत के बाद स्पेशल एनआईए कोर्ट ने उनके रिलीज ऑर्डर जारी किए थे।
रिहाई के साथ कुछ शर्तें भी
पुरोहित को मिली जमानत के साथ कुछ शर्तें भी जुड़ी हुई हैं। वह कोर्ट के आदेश के बिना देश नहीं छोड़ सकेंगे। उनका पासपोर्ट कोर्ट के पास जमा होगा। अगर कोर्ट की ओर से निर्देश मिला तो पुरोहित को पेश होना पड़ेगा। इसके अलावा, जांच के संदर्भ में एनआइए की मदद भी करनी होगी। कोर्ट ने पुरोहित से यह भी कहा है कि वह इस मामले से जुड़े किसी भी गवाह से दूरी बरतें।
क्या है मामला?
बता दें कि महाराष्ट्र के नासिक जिले में सांप्रदायिक दृष्टि से संवेदनशील मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को हुए बम विस्फोट में 7 लोग मारे गए थे। मालेगांव की हमीदिया मस्जिद के नजदीक एक मोटरसाइकल पर रखे बम में धमाका हुआ था। केस की शुरुआती जांच महाराष्ट्र एटीएस ने की। बाद में एनआईए ने जांच का जिम्मा संभाला। ब्लास्ट केस के बाद से ही कर्नल पुरोहित जेल में थे। पुरोहित पर बम सप्लाई का आरोप था। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने पुरोहित की जमानत मंजूर की थी। इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुरोहित की जमानत याचिका ठुकरा दी थी। इस मामले में दूसरी आरोपी साध्वी प्रज्ञा को भी जमानत मिली हुई है। पुरोहित को मिली जमानत का एक आधार यह भी बना। हालांकि NIA ने कर्नल पुरोहित की जमानत का विरोध किया था