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अब आपका आवासीय या व्यावसायिक अड्रेस होगा डिजिटल, सरकार ने शुरू की पहल

नई दिल्ली : आधार के बाद अब सरकार अड्रेस को डिजिटल करने की दिशा में पहल शुरू की है। इसके लिए सरकार ने डाक विभाग को निर्देश भी दे दी है। इसके तहत आपका आवासीय या व्यावसायिक अड्रेस को डिजिटल अड्रेस का स्वरुप प्रदान किया जायेगा, जिसे ई-अड्रेस के रूप में भी जाना जायेगा। इसके माध्यम से अड्रेस का पहचान आसान होगा। 

दरअसल, सरकार आधार की तरह ही लोगों के अड्रेस को भी डिजिटल करना चाहती है। संचार मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले डाक विभाग को इस पायलट प्रॉजेक्ट के लिए आदेश दिया गया है। इस प्रॉजेक्ट के तहत तीन पिन कोड लोकेशन वाली प्रॉपर्टी के लिए एक 6 अक्षरों वाला डिजिटल अड्रेस दिया जाएगा। विभिन्न अड्रेस के लिए ई-लोकेशन के आइडिया का मकसद इसे प्रॉपर्टी संबंधी विभिन्न प्रकार की जानकारियों से जोड़ना है। इससे प्रॉपर्टी टाइटल और मालिकाना हक, प्रॉपर्टी टैक्स रिकॉर्ड, बिजली, पानी और गैस जैसी चीजों के उपभोग की जानकारी मिल सकेगी। ई-लोकेशन (eLoc) पायलट प्रॉजेक्ट की मंजूरी दिल्ली और नोएडा को दो पोस्टल पिन कोड के लिए दी गई है। अगर इस प्रॉजेक्ट को सफलता मिलेगी तो सरकार इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू कर सकती है। डिजिटल पहचान के ई-अड्रेस का इस्तेमाल मौजूदा पोस्टल अड्रेस के लिए भी किया जा सकेगा। 

डाक विभाग द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि इस परियोजना का उदेश्य डिजिटल अड्रेसिंग सिस्टम के प्रभाव को दर्शाना भी है। डाक विभाग ने निजी मैपिंग कंपनी ‘मैपमाईइंडिया’ को इस पायलट प्रॉजेक्ट की जिम्मेदारी दी है। मैपमाईइंडिया के एमडी राकेश वर्मा ने कहा कि ई-लिंकेज के जरिए कॉम्प्लेक्स अड्रेस की पहचान करना आसान होगा और उसे अन्य सेवाओं से भी जोड़ा जा सकता है। 

मौजूदा समय में देश के कई हिस्सों के अड्रेस का पता करना मुश्किल होता है। ऐसे में अगर सरकार की यह पहल सफल हुई तो डिजिटल इंडिया की तरफ सरकार की एक और अहम् कदम होगी।

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