नई दिल्ली : साल 2010 में सामने आया 2जी स्पैक्ट्रम घोटाला यूपीए के दूसरे कार्यकाल का सबसे बड़ा घोटाला माना गया था। लेकिन गुरुवार को इस घोटाले से जुड़े सभी आरोपियों को पटियाला हाउस कोर्ट ने बरी कर दिया है। इस फैसले से पूर्व टेलीकॉम मिनिस्टर ए राजा समेत सभी आरोपियों ने राहत की सांस ली है। दिलचस्प बात है कि इसी घोटाले ने उस समय विपक्ष को सत्ताधारी यूपीए सरकार पर हमला बोलने का मौका दिया था।
इस फैसले के बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। मेरे खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि अब यह साबित हो गया है कि उनके खिलाफ दुश्प्रचार किया गया था। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने इस फैसले को कांग्रेस की नैतिक जीत करार दिया है। इसके साथ ही सिब्बल ने पूर्व कैग विनोद राय से भी कहा है कि वह कांग्रेस से माफी मांगे। सिब्बल ने कहा कि अब वह इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे।
सिब्बल ने कहा कि इस घोटाले के आरोपों की वजह से देश बड़ा नुकसान झेलने पर मजबूर हुआ है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अब इसका जिक्र करना बंद करें। वहीं पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि सरकार पर इतने बड़े घोटाले का आरोप लगाना सही नहीं था। उनका कहना था कि इस तरह के आरोप सही नहीं थे और कोई भी इस बात को साबित नहीं कर सका है। वहीं इस पूरे मुद्दे पर उस समय यूपीए और कांग्रेस को घेरने वाले अन्ना हजारे ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि अगर वर्तमान सरकार के पास ठोस सुबूत हैं तो फिर वह इस मुद्दे को हाई कोर्ट में लेकर जाए।
जांच और अदालती कार्रवाई से जुड़े सीबीआइ के वरिष्ठ अधिकारियों को अपने जुटाए सबूतों पर भरोसा था कि इस मामले में आरोपियों को सजा जरूर मिलेगी। इस मामले पूर्व संचार मंत्री ए, राजा, डीएमके के पूर्व सांसद व करुणानिधि की बेटी कनीमोझी, डीबी रियलिटी के शाहिद बलवा और यूनीटेक के संजय चंद्रा समेत कुल 17 आरोपी थे।