नई दिल्ली : नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम को सरकार दो अक्टूबर से लॉन्च करेगी। इस स्कीम की घोषणा वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट में की थी। घोषणा के अनुसार सरकार 10 करोड़ परिवारों (करीब 50 करोड़ लोग) का सालाना 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य खर्चा उठाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा था कि सरकार की इस योजना से देश की 40 फीसदी आबादी को स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा था, ‘हमने हेल्थ वेलनेस सेंटर के लिए 1200 करोड़ रुपये का आवंटन किया है और अब 10 करोड़ गरीब परिवारों को हर साल 5 लाख रुपये दिए जाएंगे। यह दुनिया का सबसे बड़ा सरकारी कार्यक्रम होगा।’
इतना ही नहीं बजट भाषण के दौरान जेटली ने कहा था कि स्वास्थ्य सेवा से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए सरकार मौजूदा जिला अस्पतालों को अपग्रेड करेगी और साथ ही 24 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की जाएगी।
जेटली ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए सरकार मौजूदा जिला अस्पतालों को अपग्रेड करेगी और साथ ही 24 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना करेगी।
बजट में हेल्थ पर दिए गया है खास ध्यान
बजट में फाइनेंशियल ईयर 201-18 में स्वास्थ्य और परिवार सुरक्षा के लिए आवंटित 47,353 करोड़ रुपये की राशि में 11.5 फीसदी की बढ़ोतरी कर फाइनेंशियल ईयर 2018-19 में 52 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। हेल्थ केयर से जुड़े जानकारों ने स्वास्थ्य बजट का स्वागत किया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में फाइनेंशियल ईयर 2017-18 के 1000 करोड़ रुपये में दोगुनी वृद्धि करते हुए फाइनेंशियल 2018-19 के लिए 2000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
हेल्थकेयर बजट के तीन पहलू हैं –
– मेडिकल एजुकेशन की क्वालिटी में इजाफा किया गया है।
– जीवन बीमा योजना के तहत सभी गरीब परिवारों को शामिल किया गया है।
– स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ावा दिया गया है। साथ ही स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों के कॉन्सेप्ट को लागू करने के लिए निजी क्षेत्र के संगठनों से योगदान की मांग की गई है।