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18वें एशियन गेम्स में सुधा सिंह ने 3,000 मीटर स्टीपल चेज में रजत पदक विजेता

एथलेटिक्स की काफी कठिन मानी जाने वाली स्टीपल चेज स्पर्धा में एशिया की सर्वश्रेष्ठ महिला धावकों में से एक उत्तर प्रदेश की सुधा सिंह ने जकार्ता एशियाई खेलों में रजत पदक जीता है। सुधा सिंह की इस सफलता पर उत्तर प्रदेश सरकार ने उनको 30 लाख रुपया की ईनामी धनराशि देने के साथ ही सरकारी नौकरी का तोहफा दिया है। जकार्ता में उत्तर प्रदेश के खेल निदेशक डॉ. आरपी सिंह ने सुधा सिंह का उत्साहवर्धन किया। 

सुधा सिंह की सफलता पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनको बधाई दी है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने जकार्ता में 18वें एशियाई खेल की 3000 मीटर स्टीपलचेज स्पर्धा में रजत पदक जीतने पर रायबरेली की सुधा सिंह को हार्दिक बधाई देते हुए राज्य सरकार की ओर से 30 लाख रुपये के पुरस्कार की घोषणा की है। उन्होंने सुधा सिंह को राज्य सरकार में राजपत्रित अधिकारी के पद पर नौकरी दिए जाने की घोषणा भी की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि सुधा सिंह ने अपने लगन के बूते बेहतरीन प्रदर्शन करके देश और प्रदेश का मान बढ़ाया है। इससे प्रदेश के और खिलाडिय़ों को भी बेहतर करने की प्रेरणा मिलेगी।

जकार्ता में पदक जीतने के बाद खेल निदेशक डॉ.आरपी सिंह ने सुधा सिंह को बधाई दी। इस अवसर पर सुधा सिंह ने कहा कि मैंने उन लोगों के सामने आपको साबित कर दिया जो यह कहते थे मेरी उम्र पदक जीतने की नहीं रही। मैं इस जीत के लिए अपने कोच को धन्यवाद कहना चाहती हूं।

रायबरेली की रहने वाली सुधा सिंह ने महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेज स्पर्धा में 40.03 सेकंड का समय लेकर रजत पदक हासिल किया। यह उनका एशियाई गेम्स में दूसरा पदक है। इससे पहले उन्होंने एशियाई खेल में स्टीपलचेज स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। रायबरेली की रहने वाली 32 वर्षीय खिलाड़ी ने इससे पहले 2010 में चीन के ग्वांगझू में हुए एशियाई खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता था। वह पिछले एशियाई खेलों (इंचिओन) में पदक नहीं जीत पाई थीं।

जकार्ता में चल रहे 18वें एशियन गेम्स में एथलेटिक्स में उत्तर प्रदेश की सुधा सिंह ने महिला 3,000 मीटर स्टीपल चेज में रजत पदक अपने नाम कर लिया। सुधा ने नौ मिनट 40.03 सेंकेंड में दूरी तय करते हुए यह सफलता हासिल की। यह यह भारत का दिन का तीसरा पदक और दूसरा रजत है। सुधा सिंह के रजत पदक जीतने पर आज जकार्ता स्थित एशियन गेम्स विलेज में एशियन गेम्स में भारतीय दल के चीफ डी मिशन बृजभूषण शरण सिंह (भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष), एशियन गेम्स में आईओए के प्रतिनिधि श्री आनन्देश्वर पाण्डेय (कोषाध्यक्ष, भारतीय ओलंपिक संघ) और डा.आरपी सिंह (खेल निदेशक, यूपी) ने मुलाकात कर बधाई देते हुए निकट भविष्य में भी अन्य इंटरनेशनल टूर्नामेंट में पदक जीतने के लिए शुभकामनाएं दी।

आनन्देश्वर पाण्डेय ने उम्मीद जताई कि रायबरेली की बेटी सुधा सिंह आगामी चैंपियनशिप में अपना प्रदर्शन और बेहतर करेगी। मुझे पूरी उम्मीद है कि टोक्यो ओलंपिक-2020 में भी सुधा सिंह देश का परचम लहराएगी। एथलेटिक्स में सोमवार को खेेले जा रहे मुकाबलों में सुधा सिंह ने महिला 3000 मी.स्टीपल चेज में नौ मिनट 40.03 सेंकेंड के समय के साथ रजत पदक जीता।

एशियन गेम्स-2010 की स्वर्ण पदक विजेता सुधा सिंह एक समय स्वर्ण पदक की होड़ में थी लेकिन वह बहरीन की विनफ्रेड यावी ने उन्हें पछाड़ते हुए नौ मिनट 36.52 सेकेंड का समय निकालते हुए स्वर्ण पदक जीता। इस स्पर्धा में कांस्य पदक वियतनाम की थि ओन्ह गुयेन ने नौ मिनट 43.83 सेकेंड का समय निकालते हुए जीता। वहीं भारत की एक और धावक चिंता 10 मिनट 26.21 सेकेंड के समय के साथ 11वें स्थान पर रही।

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