नई दिल्ली : साध्वी रेप केस में दोषी करार डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम इंसा को सीबीआई की विशेष अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई है। हालांकि, राम रहीम के वकील ने जज के सामने यह कहकर जाल फेंका कि राम रहीम सोशल वर्कर हैं, वह लोगों की भलाई के लिए काम करते हैं, इसलिए सजा देते वक्त नरमी बरती जाए। दूसरी ओर सीबीआई के वकील ने राम रहीम को उम्रकैद की सजा देने की मांग की। जब सरकारी वकील ने उम्रकैद दिए जाने की मांग की तो राम रहीम का चेहरा एकदम पीला पड़ गया। वह हाथ जोड़कर खड़े थे। कुर्सी पकड़ कर रो रहे राम रहीम की आंखों में आंसू थे और जुबां पर रहम की गुहार। 1000 करोड़ की संपित्त के मालिक और 5 करोड़ भक्तों के ‘दो जहां के मालिक’ राम रहीम ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि उन्हें ये दिन भी देखना पड़ेगा, लेकिन कानून ने बिल्कुल साफ कर दिया कि उसकी नजर में सब बराबर हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जिस वक्त दोनों वकील सीबीआई जज के सामने सजा पर जिरह कर रहे थे। उस वक्त राम रहीम लगातार रो रहे थे। उन्होंने सिर पर कपड़ा रखा था और आंखों से लगातार आंसुओं की धार बह रही थी। जब फैसला आया तो वो रोते-रोते कुर्सी पकड़ कर जमीन पर बैठ गया।
हरियाणा के रोहतक की सुनारिया जेल में सुनवाई के दौरान स्पेशल सीबीआई जज जगदीप सिंह ने दोनों पक्षों को अपनी बात रखने के लिए 10-10 मिनट का समय दिया था। पहले सीबीआई के वकील ने राम रहीम को उम्रकैद देने की मांग की। इसके बाद राम रहीम के वकील ने जज साहब से रहम की गुहार लगाई। जज के सामने राम रहीम लगातार रोता रहा।
राम रहीम की सजा पर जिरह के दौरान सीबीआई ने कहा कि डेरा प्रमुख को उनके भक्त पिताजी कहते हैं, लेकिन उन्होंने लोगों को भरोसा तोड़ा है। सीबीआई ने कहा कि जिस लड़की के साथ बलात्कार किया गया है, वह राम रहीम को भगवान मानती थी। न केवल उस साध्वी के साथ बल्कि लाखों भक्तों के साथ धोखा हुआ है।
स्पेशल सीबीआई जज जगदीप सिंह सोमवार को जब हरियाणा के रोहतक की सुनारिया जेल में पहुंचे तो वह पूरा फैसला लिखकर लाए थे। इसका मतलब यह हुआ कि सजा पर जिरह के दौरान राम रहीम के वकील की दलीलों के आधार पर रहम की गुंजाइश बेहद कम थी और ऐसा हुआ।