नई दिल्ली- यूरोप के बैंक ऑफ इंग्लैंड ने बीते 10 साल में पहली बार ब्याज दरों में इजाफा किया है। साथ ही बैंक का यह भी कहना है कि अगले तीन वर्षों में इसमें नियमित रुप से जरूरत के हिसाब से इजाफा किया जाएगा। शुक्रवार के सत्र में भारतीय शेयर में इसका असर देखने को मिल सकता है।
बैंक ऑफ इंग्लैंड का कहना है कि बैंक की ब्याज दरों को 0.25 फीसद से बढ़ाकर 0.50 फीसद कर दिया गया है। ऐसा वर्ष 2007 के बाद पहली बार हुआ है जब बैंक ऑफ इंग्लैंड ने बॉरोइंग कॉस्ट में बढ़ोतरी की है। इससे पहले यह फैसला वैश्विक वित्तीय मंदी से पहले लिया गया था।
मौद्रिक पॉलिसी कमेटी के दो सदस्यों ने ब्याज दरों को बरकरार रखने के पक्ष में वोट दिया था, डिप्टी गवर्नर जॉन कनलिफ और डेव राम्सदेन का कहना था कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी को देखते हुए वेज (पारिश्रमिक) ग्रोथ बहुत ही मामूली दर्ज की गई है।
इस साल के ब्रिटिश इकोनॉमी के कमजोर प्रदर्शन के बावजूद एमपीसी के अधिकांश सदस्यों जिनमें मार्क कार्ने भी शामिल है, ने फैसला किया था कि पॉलिसी में ब्याज दरों में बढ़ोतरी का समय आ गया है। बैंक ऑफ इंग्लैंड ने अपने स्टेटमेंट में यह भी कहा है कि सभी सदस्यों का मानना है कि भविष्य में बैंक रेट में कोई भी इजाफा नियमित रूप से किया जाएगा जो कि एक सीमित दायरे में होगा।
बैंक ऑफ इंग्लैंड ने कहा है कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि ब्रिटेन की इकोनॉमी अगले साल 1.6 फीसद की दर से और वर्ष 2019 में 1.7 फीसद की दर से बढ़ेगी।
भारत पर क्या पड़ेगा असर-
यूरोप में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की खबर आते ही प्रमुख यूरोपीय शेयर बाजारों में गिरावट देखने को मिली। भारतीय समयानुसार करीब 6:30 बजे प्रमुख सूचकांक डैक्स 0.13 फीसद के साथ 13448 के स्तर पर, कैक 0.18 फीसद की गिरावट के साथ 5504 के स्तर पर और FTSE 0.75 फीसद की बढ़त के साथ 7544 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। यूरोपीय बाजारों में गिरावट का असर गुरूवार के सत्र में एशियाई बाजार पर देखने को मिल सकता है जिससे भारतीय शेयर बाजार अछूते नहीं रहेंगे।