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हॉलीवुड में शुरुआत कर चुकी प्रियंका चोपड़ा के लिए ‘पाहुना’ है ‘पैशन प्रोजेक्ट’

टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में अपने बैनर तले निर्मित फिल्म ‘पाहुना : द लिटिल विजटर्स’ के प्रीमियर में मौजूद प्रियंका चोपड़ा ने इस फिल्म को अपना पैशन प्रोजेक्ट बताया, क्योंकि इस फिल्म ने उन्हें पूर्वोत्तर भारत की आवाज को बड़े पर्दे पर पेश करने का मौका दिया है। पर्पल पेबल पिक्च र्स ने इस फिल्म का निर्माण किया है। पेबल पिक्च र्स को प्रियंका अपनी मां मधु चोपड़ा के साथ मिलकर चलाती हैं। फिल्म की शुरुआत एक नेपाली गांव में लोगों पर उग्रवादियों द्वारा की गई हिंसा के साथ शुरू होती है, जिसकी वजह से उन्हें गांव छोड़कर सिक्किम की ओर भागना पड़ता है। छोटी अमृता, उसका भाई प्रणय और उसका नन्हा भाई बिशाल परिवार, रिश्तेदारों और अन्य ग्रामीणों के साथ भागने वालों में शामिल हैं।

जब वे लोग पहाड़, घने जंगल को पार कर रहे होते हैं, तब उनके चाचा उन्हें एक कहानी सुनाते हैं, जिसमें वह कहते हैं कि इन जंगलों में सफेद कपड़ों में कुछ ईसाई पुजारी बच्चों का अपहरण कर उन्हें खा जाते हैं. घने जंगल में अमृता और उसके दोनों भाई बिछड़ जाते हैं. इस फिल्म में यही दिखाया गया है कि कैसे वे लोग जंगल से सुरक्षित निकलते हैं। यहां फिल्म के वर्ल्ड प्रीमियर पर फिल्म के बारे में प्रियंका ने कहा, ‘इस फिल्म को शूट करना काफी कठिन था, क्योंकि उस क्षेत्र में शूटिंग करना आसान काम नहीं है। लेकिन पाखी और उनकी टीम एवं मेरी मां ने इन सभी कठिनाइयों को पार किया।’ उन्होंने कहा कि इस फिल्म का उद्देश्य पूर्वोत्तर के उन बच्चों को दिखाना है, जो हिंसा में फंस जाते हैं। प्रियंका ने आगे कहा, ‘यह (पूर्वोत्तर) भारत का वह हिस्सा है, जिसे बहुत ज्यादा नहीं देखा गया है, बहुत से लोग इन स्थानों पर आते-जाते नहीं हैं। लेकिन यह स्वर्ग का एक छोटा टुकड़ा है। यहां के बच्चों से जुड़ी कहानियां बहुत ही विशेष और महत्वपूर्ण हैं और मैं समझती हूं कि पाखी ने इसे बहुत अच्छी तरह दिखाया है।’ लेखक-निर्देशक पाखी ए टायरेवाला ने कहा कि कम से कम 9 से 10 निर्माताओं ने उनकी फिल्म को खारिज कर दिया था। उसके बाद उन्होंने प्रियंका से संपर्क किया, और उन्होंने उनकी फिल्म के लिए हामी भर दी। पाखी ने कहा, ‘निर्माताओं द्वारा बार-बार मना करने के कारण मैं काफी परेशान हो गई थी।

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