किसानों की कर्ज माफी व आरक्षण को लेकर चल रहे हार्दिक पटेल के उपवास आंदोलन के दूसरे दिन रविवार यानी रक्षाबंधन के दिन उनकी छोटी बहन ने राखी बांधी।
पाटीदार आरक्षण और किसानों की कर्ज माफी की मांग को लेकर हार्दिक पटेल शनिवार से आमरण अनशन पर बैठे हैं। उससे पहले शुक्रवार रात से गुजरात हाई अलर्ट पर है। पाटीदार इलाकों में पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है। सूरत, राजकोट, मेहसाणा आदि शहरों से अहमदाबाद आने वाले वाहनों की सघन जांच हो रही है। अहमदाबाद के अलावा सूरत, राजकोट और बोटाद में धारा 144 लागू कर दी गई है।
हार्दिक के बंगले पर जाने वाले मार्ग को पुलिस ने छावनी में बदल दिया है। हाइवे पर एक एसपी, दो डीएसपी, 30 पुलिस निरीक्षक, 60 उपनिरीक्षक और सैकड़ों की संख्या में पुलिस जवान तैनात किए गए हैं। अहमदाबाद और गांधीनगर में आंदोलन करने की मंजूरी नहीं मिलने के बाद हार्दिक अहमदाबाद में एसजी हाइवे स्थित अपने आवास पर दो सौ समर्थकों के साथ आमरण अनशन पर बैठे हैं।
कांग्रेस ने अनशन का समर्थन किया है। इसके बाद कांग्रेस विधायक ललित वसोया, ब्रजेश मिरजा, ललित कथगरा, डॉ. आशा पटेल और कमलेश पटेल उनसे मिलने पहुंचे। वहीं निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने भी वहां पहुंचकर समर्थन किया। इससे पहले हार्दिक ने सरकार पर आंदोलन को दबाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके अनशन में शामिल होने वाले 16 हजार पाटीदार युवकों की धरपकड़ की गई है।
हार्दिक ने गुजरात सरकार पर अंग्रेज हुकूमत की तरह बर्ताव करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके आवास पर राशन, पानी और दूध की आपूर्ति रोक दी गई है। आइबी गुजरात के एडीजीपी आरबी ब्रह्माभट्ट ने कहा है कि गुजरात में शांति एवं कानून व्यवस्था के मद्देनजर आंदोलन को मंजूरी नहीं दी गई है। 25 अगस्त, 2015 को पाटीदार महारैली के बाद राज्यभर में हिंसा, आगजनी व तोड़फोड़ की घटनाएं घटी थीं। 19 अगस्त को भी सूरत में एक बस जलाई गई। 16,000 युवकों की धरपकड़ की बात निराधार है। पुलिस ने अब तक 158 युवकों को ही गिरफ्तार किया है।
गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल के मुताबिक, हार्दिक के अनशन को कांग्रेस के समर्थन से साफ हो गया है कि आंदोलन कांग्रेस के इशारे पर और उसकी की मदद से हो रहा है। कांग्रेस लोकसभा चुनाव से पहले समाज को तोड़कर राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास कर रही है।