ईरान। एक तरफ दुनिया में सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया की एक यूनिवर्सिटी में छात्राओं के बुर्का या नकाब पहनने पर रोक लगा दी है, दूसरी ओर इरान में एक महिला और सिर से दुपट्टा हटाने पर 2 साल जेल की सजा सुनाई गई है।
ईरान में एक महिला को 24 महीने की सजा सुनाई गई है, जिसने सार्वजनिक रूप से विरोध स्वरूप अपने हेडस्कार्फ को हटा दिया था। जज ने कहा कि सजा के दौरान महिला को तीन महीने तक कोई परोल नहीं मिलेगी। खलीज टाइम की खबर के मुताबिक, ईरान में महिलाओं का सिर पर कपड़ा रखना अनिवार्य है। तेहरान के मुख्य अभियोजक अब्बास जाफारी दौलताबादी, जिन्होंने सजा की घोषणा की, उन्होंने महिला की पहचान नहीं बताई। लेकिन कहा कि वह इस फैसले की अपील कर सकती हैं।
अब्बास ने कहा, ‘महिला ने जनता में नैतिक भ्रष्टाचार को प्रोत्साहित किया है। इसलिए वह अधिक से अधिक सजा की हकदार हैं। वह पूरी दो साल की सजा की हकदार हैं।’ ज्ञात हो कि ईरान आए दिन महिलाएं हेडस्कार्फ की अनिवार्यता के खिलाफ प्रदर्शन करती नजर आती हैं। पिछले एक साल में 30 ईरानी महिलाओं को सार्वजनिक रूप से हेडस्कार्फ के कानून को तोड़ने का दोषी पाया गया है। इनमें से कई महिलाओं को गिरफ्तार कर सजा भी दी गई।
1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद से ईरान में यह कानून बना दिया गया कि सभी महिलाओं, ईरानी या विदेशी, मुस्लिम या गैर-मुस्लिम, सर्वजनिक स्थल पर हर समय अपने आपको पूरी तरह से ढक कर रखेंगी। लेकिन पिछले दो दशकों में इस कानून के खिलाफ महिलाओं ने जमकर अपनी आवाज उठाई है। तेहरान और अन्य बड़े शहरों में ईरानी महिलाएं अक्सर बिना हेडस्कार्फ और बाल दिखाते हुए नजर आती हैं। राजधानी के कुछ इलाकों में नियमित रूप से महिलाओं को अपने कंधों पर हेडस्कार्फ के साथ कार चलाते हुए देखा जाता रहा है।
लेकिन अब्बास ने कहा कि वह अब ऐसे व्यवहार को स्वीकार नहीं करेंगे, और सामाजिक रूप से विद्रोही महिलाओं द्वारा संचालित वाहनों के जब्त करने का आदेश दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें उन महिलाओं को सजा देने के लिए मजबूर होने होगा जो जानबूझकर इस्लामी परंपरा पर सवाल उठा रही हैं।
गौरतलब है कि ईरान में महिलाओं को सिर पर कपड़ा रखने का कानून हैं, वहीं इंडोनेशिया की इस इस्लामिक यूनिवर्सिटी ने कैंपस में पनप रही कट्टरपंथी विचारधारा पर अंकुश लगाने के लिए छात्राओं के बुर्का पहनकर आने पर रोक लगा दी है। इस कदम की मुस्लिम समूहों ने कड़ी आलोचना की है। करीब 25 करोड़ की जनसंख्या वाला इंडोनेशिया दुनिया में सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश है। देश की 87 फीसद आबादी मुस्लिम है। लेकिन हाल के समय में कट्टरपंथी विचारधाराओं के पनपने से इस देश की धार्मिक सहिष्णुता और विविधता की छवि को खतरा पैदा हो गया है।