नई दिल्ली। एक तरफ देश में आर्थिक आधार पर आरक्षण को लेकर बहस छिड़ी हुई है। देश के अलग-अलग राज्यों से आरक्षण की मांग उठ रही है। फिर चाहें हरियाणा का जाट आंदोलन हो या गुजरात का पाटीदार आंदोलन। ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को एक खत लिखा है। जिसमें महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मिले, इसके लिए लोकसभा में जल्द से जल्द महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने की मांग की है। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आप को ज्ञात हो कि राज्यसभा ने महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण का विधेयक 9 मार्च, 2010 को ही पारित कर दिया है, मगर लोकसभा से अब तक ये पारित नहीं हो पाया है। बार-बार विवादों की वजह से ये बिल लटक जा रहा है। ऐसे में लोकसभा में आपकी पार्टी के पास बहुमत होने की वजह से इस विधेयक को पास कराना चाहिए।
महिला आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष ने मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए गेंद पीएम मोदी के पाले में डाल दी है। क्योंकि सोनिया गांधी ने इस विधेयक को पारित कराने के लिए कांग्रेस की तरफ से पूरे सहयोग का भरोसा दिलाया है। यह विधेयक महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इसके अलावा सोनिया गांधी ने अपनी चिठ्ठी में पीएम मोदी को लिखा है कि ये बिल राज्यसभा में तो पास हो चुका है। अब इसे लोकसभा में पास कराइए। ताकि आधी आबादी को सही मान मिल सके। गौरतलब है कि संसद में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का बिल 2010 में पास करा लिया गया था, मगर लोकसभा में समाजवादी पार्टी, बीएसपी और राष्ट्रीय जनता दल जैसी पार्टियों के भारी विरोध के कारण यह बिल पास नहीं हो सका। इसकी वजह से दलित, पिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए अलग से आरक्षण की मांग हो रही है।
ये कोई पहला मौका नहीं है, इससे पहले भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर दलितों पर बढ़ रहे अत्याचार की घटनाओं पर चिंता जता चुकी हैं और इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए विधेयक लाने की मांग कर चुकी हैं। दो साल पहले पीएम मोदी को लिखी चिठ्ठी में उन्होंने भाजपा शासित दो राज्यों राजस्थान और महाराष्ट्र में दलितों पर बढ़ रही अत्याचार की घटनाओं का जिक्र करते हुए आरोप लगाए कि यूपीए द्वारा लाए गए अध्यादेश को एनडीए सरकार ने खत्म हो जाने दिया। सोनिया ने पत्र में लिखा था कि,’मैं आपके ध्यान में लाना चाहता हूं कि देश भर में दलितों पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। इसके लिए उन्होंने राजस्थान के नागौर जिले में जमीन विवाद में एक समुदाय के सदस्यों ने 17 दलितों को ट्रैक्टर से कुचल डालने की घटना का जिक्र किया था। इसके अलावा उन्होंने महाराष्ट्र और दूसरे राज्यों में दलितों पर हुए हमलों को लेकर भी चिंता जता चुकी हैं।