सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को और मैसेजिंग सर्विस प्रोवाइडर व्हॉट्सएप को एक नोटिस भेजा है। शीर्ष अदालत की ओर से यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब एक याचिका के जरिए एप को भुगतान प्रणाली की तरफ बढ़ने की दिशा में तब तक रोक की मांग की गई है, जब तक कि ये आरबीआई के प्रावधानों को पूरा नहीं करती है।
न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की पीठ ने व्हाट्सएप, कानून एवं न्याय मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से चार हफ्तों के भीतर जवाब मांगा है। वकील विराग गुप्ता जो कि सेंटर फॉर अकाउंटिबिलिटी एंड सिस्टेमिक चेंज की ओर से दलील देने उपस्थित हुए ने तर्क दिया कि मैसेजिंग प्लेटफॉर्म रिजर्व बैंक की ओर से निर्धारित केवाईसी मानदंडों समेत शिकायत अधिकारी को नियुक्त करने और भारत के अन्य कानून के प्रावधानों का पालन नहीं करता है।
इस याचिका में कहा गया कि फेसबुक और गूगल जैसी कंपनियों ने भारत में उपयोगकर्ताओं के लिए शिकायत अधिकारी नियुक्त किए हैं, जबकि व्हाट्सएप ने ऐसा नहीं किया है। इसमें आगे कहा गया कि व्हाट्सएप को उत्तरदायी बनाने के लिए, इसे भारतीय कानूनों का अनुपालन करने और शिकायत अधिकारी नियुक्त करने के लिए निर्देशित किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि व्हाट्सएप फेसबुक के ही स्वामित्व वाली कंपनी है। फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग ने व्हाट्सएप का साल 2014 में 19 अरब डॉलर में अधिग्रहण किया था