रांची/ एजेंसी।
मध्याह्न भोजन के सौ करोड़ रुपये रांची के एक बिल्डर के खाते में डालने के मामले की सीबीआइ जांच होगी। स्टेट बैंक आॅफ इंडिया ने इसकी अनुशंसा कर दी है। बताया जाता है कि कोलकाता सीबीआइ टीम इसे लेकर शीघ्र ही रांची आएगी। स्टेट बैंक आफ इंडिया की धुर्वा स्थित एक शाखा से मिड डे मील योजना के तहत जमा किए गए सौ करोड़ रुपये बिल्डर के खाते में डाल दिए गए थे। हालांकि बैंक ने यह राशि शिक्षा विभाग को वापस लौटा दी है। इतनी बड़ी राशि के बिल्डर के खाते में हस्तांतरण होने से बड़ी गड़बड़ी और बैंक के अधिकारियों, कर्मियों की मिलीभगत की आशंका व्यक्त की जा रही है। इधर, शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने भी विभाग की सचिव को विभागीय स्तर पर भी इसकी जांच कराने का निर्देश दिया है।
साथ ही जांच रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है। राशि बिल्डर के खाते में हस्तांतरण होने के सवाल पर प्राथमिक शिक्षा निदेशक मीना ठाकुर ने कहा कि बैंक अपने स्तर से ही इसे सीबीआइ से जांच करा रहा है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि बैंक ने किसी बिल्डर के खाते में राशि ट्रांसफर करने की कोई सूचना विभाग को नहीं दी। बैंक द्वारा इसकी सूचना विभाग को शुरू में नहीं देने पर भी सवाल उठ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि विभाग को इसकी जानकारी तब मिली जब राशि जिलों को ट्रांसफर करने को कहा गया। इसपर बैंक ने मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के खाते में राशि नहीं होने की बात कही, जबकि प्राथमिक शिक्षा निदेशक द्वारा सौ करोड़ रुपये बैंक में जमा कर दिए गए थे।
तीन किश्तों में लौटाई राशि बैंक शाखा ने मिड डे मील प्राधिकरण को सौ करोड़ रुपये तीन किश्तों में लौटाए। प्राथमिक शिक्षा निदेशक मीना ठाकुर ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने इसकी जानकारी मिलने के बाद बैंक से स्टेटमेंट मंगाकर देखा। चर्चा है कि स्टेट बैंक ने संजय तिवारी नामक बिल्डर के खाते में यह राशि डाल दी थी। अभी तक पूरी राशि बैंक को बिल्डर ने नहीं लौटाई है। बैंक ने अपनी तरफ से सौ करोड़ रुपये विभाग के खाते में जमा कराए हैं।
छुट्टी में हैं सचिव, निदेशक मध्याह्न भोजन योजना की इतनी बड़ी राशि बिल्डर के खाते में जमा होने पर शिक्षा विभाग भी सकते में है। दूसरी तरफ, शिक्षा सचिव आराधना पटनायक तथा मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के निदेशक ए मुथु कुमार अवकाश पर हैं। हालांकि बुधवार से दो अक्टूबर तक विभाग में अवकाश है। विभाग तीन अक्टूबर को खुलेगा।