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सितंबर तिमाही में यस बैंक का शुद्ध लाभ 25% बढ़ा, वित्त वर्ष 2017 में छिपाया 6,355 करोड़ का NPA

निजी क्षेत्र के येस बैंक ने बीते वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान अपने भारी-भरकम फंसे कर्ज (एनपीए) को छिपा लिया था। रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की पकड़ में आने के बाद इस एनपीए को दिखाना पड़ा है। येस बैंक ने गुरुवार को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए वित्तीय नतीजों का एलान किया। सितंबर में समाप्त तिमाही के दौना बैंक का शुद्ध लाभ 25 फीसद बढ़कर 1,002 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि बैंक ने मान लिया है कि उसने बीते वित्त वर्ष में 6,635 करोड़ रुपये के एनपीए पर पर्दा डाल रखा था।

ताजा आंकड़े आने के बाद कुल लोन से यस बैंक के फंसे कर्जो का अनुपात दोगुना से ज्यादा बढ़कर 1.82 फीसद पर पहुंच गया है। आरबीआइ के जोखिम आधारित आकलन से यह सच सामने आया था कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान बैंक ने अपना फंस कर्ज वास्तविकता 6,335 करोड़ रुपये कम दिखाया था। तब बैंक ने इन संपत्तियों को एनपीए के रूप में वर्गीकृत ही नहीं किया था। यह लगातार तीसरा साल है, जब आरबीआइ ने बैंक के एनपीए वर्गीकरण में गड़बड़ी पकड़ी है। वित्त वर्ष 2015-16 के लिए आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, क्यों कि उन्हें बताना अनिवार्य नहीं है। हालांकि बीते दो वर्षो के लिए फंसे कर्ज के मामले में गड़बड़ी की यह रकम 11,000 करोड़ रुपये बैठती है।

यस बैंक के एमडी और सीईओ राणा कपूर ने एसेट क्वॉलिटी के मामले में इसे ‘अस्थायी झटका’ करार दिया। उन्होंने कहा कि बैंक ने अब चालू साल की दूसरी तिमाही के आंकड़ों में समूचे एनपीए को उजागर कर दिया है। बीते वित्त वर्ष के एनपीए आंकड़ों में 19 फीसद का अंतर उन्नीस खातों से जुड़ा है। इनमें से ज्यादातर लोक एकाउंट इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र से संबंधित हैं। पिछले छह महीनों में 47 फीसद खातों में फिर से ऋण वापसी शुरू हो गई है।

इस बैंक का प्रॉविजन कवरेज रेशियो लुढ़ककर 43 फीसद पर आ गया है। कपूर ने यह कहकर इसे भी उचित ठहराया है कि कर्ज की वसूली कर पाना संभव है। हालांकि एनपीए के एवज में प्रावधान की जाने वाली राशि में भारी बढ़ोतरी ने यह सवालिया निशान लगा दिया है कि क्या बैंक अपने 0.5-0.7 फीसद के क्रेडिट कॉस्ट गाइडेंस को पूरा कर पाएगा या नहीं। कपूर के मुताबिक इनसॉल्वेंसी से जुड़े खातों के लिए बैंक का कुल एक्सपोजर 1,434 करोड़ रुपये है। उन्होंने पिछली तिमाही के नतीजों की ओर इशारा करते हुए कहा कि कमाई बढ़ने से बैंक इसके असर को बर्दाश्त करने की स्थिति में है। सितंबर, 2017 को समाप्त तिमाही में बैंक की शुद्ध ब्याज आय 33.5 फीसद बढ़कर 1,885 करोड़ रुपये रही है।

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