सावन की दूसरी सोमवारी को दिन भर हर-हर महादेव के जयकारे से शिवालय गुंजायमान रहे। शिव मंदिरों में सुबह से ही जल चढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। युवतियां अच्छे वर की कामना के लिए नंदी के कान में अपनी इच्छा जाहिर कर रही थीं। बेलपत्र, गंगा जल, दूध, फूल, आदि से बांबा का श्रृंगार और रुद्राभिषेक किया गया। साथ ही शिवालयों को रंग-विरंगी रोशनी से सजाया गया था। भजन-कीर्तन भी किए गए। श्रद्धालुओं को प्रसाद भी दिए गए। भीड़ के कारण जल चढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं को कई घंटे प्रतिक्षा करनी पड़ी।
जिले में बूढ़ानाथ मंदिर प्राचीन शिव मंदिरों में से एक है। सुबह मंदिर के पट खोल दिए गए थे। जल चढ़ाने के लिए सुबह से भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। महिला और पुरुषों की अलग लाइन लगाई गई थी। करीब 40 हजार श्रद्धालुओं ने बाबा भोलेनाथ पर जल अर्पण किया। मंदिर के महंथ शिवनारायण गिरी ने 11 हजार लीटर गंगाजल, छह किलो गुलाब, 11 किलो दूध, मधु, बेलपत्र आदि से रुद्राभिषेक किया। मंदिर में पुलिस की तैनाती की गई थी। आदमपुर स्थित शिव-शक्ति मंदिर में 108 दीप जलाए गए। महंथ अरुण बाबा ने बताया कि मंदिर में करीब 30 हजार श्रद्धालुओं ने जल चढ़ाए। शाम करीब साढ़े चार बजे सवा लाख बेलपत्र, 151 लीटर गंगाजल, गुलाब, चमेली, रजनीगंधा, कमल, धतुरा, ईख का रस आदि से रुद्राभिषेक किया गया। सुबह से श्रद्धालु जल चढ़ाने के लिए पंक्ति में लगे हुए थे। कुपेश्वरनाथ मंदिर के पंडित विजयानंद शास्त्री ने बताया कि बाबा का श्रृंगार गंगाजल, दूध, बेलपत्र आदि से किया गया। साहेबगंज स्थित भूतनाथ मंदिर में भी जल चढ़ाने वाले श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। इसके अलावा भीखनपुर, मिरजानहाट आदि मोहल्लों में स्थित शिवालय में भी जल चढ़ाए गए। चांद झुनझुनवाला के मुताबिक राणी सती मंदिर में 1008 पान, सुपारी, लौंग, इलायची, चांदी के बेलपत्र से श्रृंगार किया गया।