नई दिल्ली : मैकडॉनल्ड्स ने अपने ग्राहकों को चेतावनी दी है कि उत्तर और पूर्वी भारत में कनॉट प्लाजा रेस्ट्रॉन्ट्स (CPRL) द्वारा संचालित आटउलेट्स पर खाना नुकसानदायक हो सकता है। मैकडॉनल्ड्स के प्रवक्ता ने कहा कि इन रेस्ट्रॉन्ट्स में इस्तेमाल की जा रही सामग्रियों की गुणवत्ता इसके ग्लोबल स्टैंडर्ड के मुताबिक नहीं है और इन्हें बंद करने की जरूरत है। मैकडॉनल्ड का पूर्व पार्टनर CPRL उत्तर और पूर्वी भारत में 160 ऑउटलेट्स का संचालन करता है, इनमें से 84 को इस सप्ताह बंद कर दिया गया था।
मैकडॉनल्ड्स के भारतीय प्रवक्ता ने कहा, ‘फ्रेंचाइजी अग्रीमेंट रद्द किए जाने के बाद से मैकडॉनल्ड्स यह पुष्टि नहीं कर सकता कि CPRL द्वारा संचालित मैकडॉनल्ड्स रेस्ट्रॉन्ट्स खाद्य सुरक्षा, आपूर्ति और ऑपरेशनल स्टैंडर्ड का पालन कर रहे हैं या नहीं।
गौरतलब है कि मैकडॉनल्ड और बक्शी के बीच कानूनी विवाद चल रहा है। अगस्त में मैकडॉनल्ड्स ने CPRL के साथ फ्रेंचाइजी अग्रीमेंट रद्द कर दिया था। साथ ही कई आपूर्तिकर्ताओं ने भी साथ छोड़ दिया, लेकिन CPRL ने रेस्ट्रॉन्ट्स का संचालन जारी रखने का फैसला किया।
मिला नया पार्टनर: CPRL
उधर, मैकडॉनल्ड्स के पूर्व सहयोगी विक्रम बक्शी ने कहा कि नई लॉजिस्टिक्स कंपनी की सेवाएं लेने के साथ ही पूर्वोत्तर भारत में 84 बंद रेस्ट्रॉन्ट में से 16 को फिर खोल दिया गया है। बक्शी ने कहा, ‘नया लॉजिस्टिक पार्टनर कच्चे माल की कमी से प्रभावित रेस्ट्रॉन्ट्स को आपूर्ति करने में सक्षम है।’ उन्होंने उम्मीद जताई कि सप्ताह भर में सभी बंद बिक्री केंद्रों को पूरी तरह परिचालन में लाया जा सकेगा। हालांकि उन्होंने नई कंपनी का नाम नहीं बताया है।
बख्शी का जवाब
मैकडॉनल्ड्स के प्रवक्ता ने कहा, ‘अज्ञात ड्रिस्ट्रीब्यूशन सेंटर मैकडॉनल्ड्स सिस्टम के साथ आपूर्ति के लिए अधिकृत नहीं है।’ अमेरिकी चेन द्वारा खाने की गुणवत्ता को लेकर लगाए गए आरोपों पर बख्शी ने कहा, ‘वास्तव में यह विडंबना है कि भारत में फूड सेफ्टी और क्वॉलिटी को लेकर अचानक मैकडॉनल्ड्स का विवेक जाग गया है, जबकि चार सालों से CPRL सीईओ सहित उनका ध्यान इस ओर खींच रहा है, लेकिन उन्होंने एक बार भी प्रतिक्रिया नहीं दी।’