सहयोग विलेज से फरार दोनों नाबालिग पायल कुमारी और जलेश्वरी कुमारी का पता चल गया है। दोनों ने बुधवार को संस्था की वार्डन सोशन पूर्ति को हावड़ा स्टेशन पर होने की बात बताई। साथ ही वापस आने की बात कही।
वहीं, सहयोग विलेज के वार्डन ने कोलकाता चाइल्ड लाइन को इसकी सूचना दे दी है। दोनों बच्चियों गुरुवार तक आने की संभावना है। दोनों विगत सोमवार को अहले सुबह दीवार फांदकर भाग गई थीं। दोनों बच्चियां कैसे भागीं और किसके साथ भागीं इसकी जानकारी संस्थान के कर्मियों को नहीं है।
इस बाबत नारी निकेतन की वार्डन ने सदर थाने में मामला दर्ज कर दिया था। दोनों बच्चियों को ढूंढने के लिए सहयोग विलेज के कर्मी आसपास के गांवों में भी छापामारी कर चुके थे।
बच्चियों के भाग जाने के बाद उपायुक्त सूरज कुमार ने इसपर कड़ी कार्रवाई करते हुए जांच कमेटी गठित कर तीन दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था। टीम ने अपनी जांच शुरू कर दी थी
जानकारी होने के बाद बुधवार को बाल संरक्षण आयोग की टीम ने सहयोग विलेज का दौरा किया। टीम ने सहयोग विलेज के सभी कॉटेजों की जांच की। साथ ही नारी निकेतन में रहने वाली बच्चियों से भी बात की। आयोग ने संस्थान में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया है। साथ ही संस्थान में सुरक्षा गार्ड नियुक्त करने का निर्देश दिया है। आयोग ने कहा कि यहां पर बच्चों को कपड़े, जूते सही ढंग से नहीं दिए जा रहे हैं। सीडब्ल्यूसी का कैंपस के अंदर कार्यालय होने की बात कही। उन्होंने कहा कि यहां पर 2011 से जितने भी एडाप्शन हुआ है, उसकी जानकारी लेंगे। सहयोग विलेज के संस्थापक मंजीत ¨सह ने कहा कि दोनों बच्चियां ट्रेस हो गई हैं। कोलकता चाइल्ड केयर को इसकी सूचना दे दी गई है। गुरुवार तक दोनों यहां पहुंच जाएंगी। उन्होंने कहा कि पायल बिरसा स्कूल चलांगी में पढ़ती थी।
वहां पर उसे किसी ने भड़काया था। इस कारण वह भागी होगी। दोनों बच्चियों के आने के बाद ही सच्चाई का पता चलेगा। आयोग के सदस्यों में बबन गुप्ता, भूपेन साहू, अल्ताफ खान, समीर अंसारी, शिवाजी और डॉ. आशुतोष टोप्पो शामिल थे।