अब एक राहत भरी खबर आ रही है कि रेल बैंकों के साथ बातचीत करके एमडीआर चार्ज को कम करना चाहता है। इसका सीधा लाभ यात्रियों को मिलेगा। या कहें कि टिकट के लिए अब कम पैसे खर्च करने पड़ेंगे।
नई दिल्ली: रेलवे के टिकट के दाम हो सकते हैं। ऐसा सोचना भी आजकल असंभव सा लगता है। पिछले कई सालों में रेलवे के दाम कम होने के बजाय हमेशा बढ़ते चले आ रहे हैं और देश में आम लोगों के लिए लंबी दूरी की यात्रा के लिए रेलवे एकमात्र साधन है। अब एक राहत भरी खबर आ रही है कि रेल बैंकों के साथ बातचीत करके एमडीआर चार्ज को कम करना चाहता है। इसका सीधा लाभ यात्रियों को मिलेगा। या कहें कि टिकट के लिए अब कम पैसे खर्च करने पड़ेंगे।
रेल की ओर से कुछ दिन पहले कई बैंकों से आग्रह किया गया था कि वे डेबिट और क्रेडिट कार्ड से रेल टिकट बुक करने वाले ग्राहकों को कुछ राहत दे। इसके लिए रेल में बैंकों से कहा है कि यदि वे इसके लिए तैयार हैं तो रेलवे टिकट बुकिंग साइट से बैंकों को सीधे जोड़ देगी जिससे बीच के पेमेंट गेटवे के चार्ज को समाप्त किया जा सकेगा। यह लाभ सीधे ग्राहकों को मिलेगा।
बता दें कि एमडीआर (मर्चेंट डिस्काउंट रेट) चार्ज वापस लेने पर सरकार विचार कर रही है। इससे टिकट की कीमतें सस्ती हो जाएंगी। रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि वह फिलहाल बैंकों से बात कर रहे हैं ताकि यह तय हो सके कि ई-टिकट बुक करने वाले यात्रियों के सिर से एमडीआर के बोझ को कैसे कम किया जा सकता है। सीआईआई और डब्ल्यूईएफ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इंडिया इकनॉमिक समिट में गोयल ने कहा, आईआरसीटीसी ने मर्चेंट डिस्काउंट रेट यात्रियों के हवाले कर दिया है। मैंने उनसे इसे हटाने को कहा है और इसी को लेकर बैंकों से भी बात की जा रही है। गोयल ने कहा कि यह अगले दो-तीन दिनों में इस पर कोई फैसला हो जाएगा।
भारतीय रेल ने कुछ समाचारों और वेबसाइट पर आई उन खबरों का खंडन किया है कि जिसमें दावा किया गया था कि रेल टिकट बुकिंग की वेबसाइट आईआरसीटीसी (IRCTC) से टिकट बुकिंग में कोई भी क्रेडिट या डेबिट कार्ड अब मान्य नहीं है। यह पूरा मामला बैंकों और रेलवे में टिकट बुकिंग में कुछ लेन-देन को लेकर पैदा हुआ था। आईआरसीटीसी ने कहा कि उसके पास 7 पेमेंट गेटवे हैं जिसके जरिए डेबिट और क्रेडिट कार्ड के जरिए टिकट बुकिंग की पेमेंट स्वीकार की जा रही है। रेलवे ने कहा कि उन्होंने किसी प्रकार से कोई भी रोक नहीं लगाई है।
बता दें कि एक अखबार ने दावा किया था कि बैंकरों ने उन्हें बताया है कि आईआरसीटीसी ने अपनी वेबसाइट से उनके डेबिट व क्रेडिट कार्ड के पेमेंट पर रोक लगा दी है। बैंकों का कहना था कि यात्रियों से लिए जा रहे सुविधा शुल्क में रेलवे अपनी हिस्सेदारी मांग रहा है। यह न देने के कारण रेलवे ने आईआरसीटीसी से टिकट बुकिंग में बैंकों के क्रेडिट व डेबिट कार्ड से टिकट खरीदी पर रोक लगा दी है।
इससे पहले फ्लेक्सी किरायों के बोझ के तले दबे यात्रियों के लगातार शिकायत के बाद रेलवे ने तय किया था कि वो फ्लेक्सी किराया टिकट मूल्य प्रणाली की समीक्षा के साथ मूल्य में भी कटौती करेगा। रेलवे की तरफ से पिछले साल यह योजना राजधानी, शताब्दी और दुरंतो जैसी प्रीमियम ट्रेनों के लिए लागू की गई थी, जिसमें 10 प्रतिशत सीट सामान्य किराये पर बुक की जाती थी और इसके बाद हर 10 प्रतिशत सीट को 10 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ बुक किया जाता था। इसमें अधिकतम 50 प्रतिशत की वृद्धि की जा सकती थी। फ्लेक्सी किराया प्रणाली के जरिए रेलवे की 540 करोड़ रुपये की कमाई हुई है। अब जब रेल यात्री लगातार किराये को लेकर शिकायत भेज रहे हैं तो रेलवे ने विचार किया है कि वो बहुत ही जल्द किराये में कटौती करेगा।