नई दिल्ली- आइएमएफ व विश्व बैंक की सालाना बैठक में भाग लेने के लिए अमेरिका आए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नोटबंदी और जीएसटी पर विपक्षी दलों द्वारा की जा रही आलोचनाओं का जवाब देते हुए कहा कि इनमें कई लोग ऐसे हैं, जो विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता हैं। भाजपा ने वह किया, जो सत्ता में रहते हुए कांग्रेस नहीं कर पाई। लोकलुभावन नीतियों से हम दूर रहे। चाहते तो लोगों को पहले की तरह नकदी निर्भर अर्थव्यवस्था में बने रहने देते। उसी के आधार पर लोगों को फलने-फूलने देते, लेकिन हमने उस तरह की अर्थव्यवस्था पर चोट की। यह लागू करने के लिहाज से सही आर्थिक नीति थी। इस मामले में आइएमएफ और विश्व बैंक जैसी संस्थाओं का भारत सरकार को समर्थन मिला है।
जेटली ने कहा कि मैंने अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए कभी भी किसी राहत पैकेज (स्टिमुलस पैकेज) की बात नहीं की है। मीडिया ने ही इस पैकेज को लेकर बढ़ा-चढ़ाकर बातें की हैं। दरअसल उनसे पूछा गया था कि क्या सरकार किसी बड़े राहत पैकेज पर विचार कर रही है। वित्त मंत्री के मुताबिक उन्होने तो केवल यह कहा था कि सरकार हालात को देखते हुए फैसले लेगी। मीडिया के लोगों ने मेरी बात का मतलब राहत पैकेज निकाल लिया।
वित्त मंत्री का बयान ऐसे समय पर आया है, जब आर्थिक विकास दर के लगातार छठीं तिमाही में गिरने के बाद 40 हजार करोड़ रुपये के संभावित पैकेज की बातें कही जा रही हैं। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि दर तीन साल के निचले स्तर 5.7 फीसदी पर आ गई।