नई दिल्ली- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की स्थिति सुधारने की दिशा में एक और कदम उठाते हुए सरकार ने अरुण जेटली के नेतृत्व में एक मंत्री स्तरीय समिति का गठन कर दिया है। यह समिति देश के 21 सरकारी सरकारी बैंकों के विलय प्रस्ताव पर गौर करेगी। इस समिति रेलवे और कोयला मंत्री पीयूष गोयल और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण प्रमुख रूप से शामिल हैं।
वित्त सचिव राजीव कुमार ने एक ट्वीट के जरिए बताया, “सरकार ने बैंकिंग सुधारों की दिशा में एक कदम बढ़ाया है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय के लिए वैकिल्पक प्रणाली गठित की गई है। वित्त मंत्री इसकी अध्यक्षता करेंगे।” गौरतलब है कि सरकार ने पिछले हफ्ते ही सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 2.11 लाख करोड़ रुपए की पूंजी डाले जाने की घोषणा की थी ताकि निजी निवेश को बढ़ाने के लिए क्रेडिट के प्रवाह को प्रोत्साहित किया जा सके।
बैंकों के लिए 2.11 लाख करोड़ के पूंजीकरण की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि इसके साथ ही अगले कुछ महीनों में बैंकों में सुधारों को लेकर कई कदम उठाए जाएंगे। वैकल्पिक प्रणाली का गठन इस दिशा में उठाया गया कदम है।
आपको बता दें कि इसी साल अगस्त महीने में केंद्रीय मंत्रिपरिषद ने पीएसयू बैंकों के एकीकरण को तेजी से ट्रैक करने के लिए एक वैकल्पिक तंत्र स्थापित करने का निर्णय लिया था। खराब पूंजी की समस्या से जूझ रहे बैंक जिनका एकीकरण किया जाना है उनकी कुल बाजार हिस्सेदारी 70 फीसद की है, जबकि भारत के बैंकिंग सिस्टम में उनके बैड लोन की हिस्सेदारी 80 फीसद की है।