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संगीत सोम ने दिया विवादास्पद बयान, ताजमहल काे बताया भारतीय संस्कृति पर कलंक

नई दिल्ली: दुनियाभर में हिन्दुस्तान की पहचान के प्रतीकों में शुमार किए जाने वाले ताजमहल को उत्तर प्रदेश के पर्यटन प्रसार से जुड़ी एक बुकलेट में जगह नहीं दिए जाने को लेकर हाल ही में विवाद हुआ था, और अब, राज्य में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विवादास्पद विधायक संगीत सोम ने ताजमहल को ‘भारतीय संस्कृति पर कलंक’ बताते हुए कहा है कि ताजमहल का निर्माण ‘गद्दारों’ ने किया था।

संगीत सोम ने कहा, “बहुत-से लोग इस बात से चिंतित हैं कि ताजमहल को यूपी टूरिज़्म बुकलेट में से ऐतिहासिक स्थानों की सूची से हटा दिया गया।  किस इतिहास की बात कर रहे हैं हम ? जिस शख्स (शाहजहां) ने ताजमहल बनवाया था, उसने अपने पिता को कैद कर लिया था। वह हिन्दुओं का कत्लेआम करना चाहता था। अगर यही इतिहास है, तो यह बहुत दुःखद है, और हम इतिहास बदल डालेंगे। मैं आपको गारंटी देता हूं  कि ” संगीत सोम ने मुगल बादशाहों बाबर, औरंगज़ेब और अकबर को ‘गद्दार’ कहा, और दावा किया कि उनके नाम इतिहास से मिटा दिए जाएंगे। बीजेपी के सांसद अंशुल वर्मा ने भी इसी विचार से सहमति जताते हुए कहा, “ताजमहल पर्यटन स्थल है। इसे भारतीय संस्कृति से न जोड़ें।  सोम ने जो कुछ भी कहा, उसमें कुछ भी विवादास्पद नहीं है। इसका राजनीतिकरण न करें।”
गौरतलब है कि संगीत सोम उन राजनेताओं में से एक हैं, जिन पर वर्ष 2013 में मुज़फ्फरनगर में दंगे भड़काने का आरोप लगाया गया था। मुज़फ्फरनगर दंगों में 60 से ज़्यादा लोगों की जान गई थी, और हज़ारों लोगों को पलायन करना पड़ा था। संगीत सोम को अपने भड़काऊ भाषणों के लिए जाना जाता है। इसी महीने की शुरुआत में टूरिज़्म ब्रोशर में से 17वीं सदी में संगमरमर से बनाए गए ताजमहल को हटा दिए जाने पर काफी विवाद हुआ था। बहुत-से लोगों ने राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार पर जानबूझकर इस स्मारक की अनदेखी करने का आरोप लगाया था, जिसे मुगल बादशाह शाहजहां ने बनवाया था।

राज्य की पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने इस विवाद के बाद सफाई देते हुए कहा था, “ताजमहल हमारी सांस्कृतिक विरासत है, और दुनिया के सबसे मशहूर पर्यटन स्थलों में शुमार किया जाता है।” रीता बहुगुणा जोशी ने यह भी कहा था, “सांस्कृतिक धरोहर का संपूर्ण विकास तथा वहां बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।” यह बुकलेट राज्य में बीजेपी सरकार के छह माह पूरे होने के मौके पर जारी की गई थी, तथा इसमें राज्य की प्रमुख पर्यटन स्थलों का उल्लेख किया गया था। इसमें गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर का भी ज़िक्र था, जिसके प्रमुख मुख्यमंत्री स्वयं हैं। जून में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा था कि मुगल बादशाह शाहजहां द्वारा बनवाया गया प्यार का स्मारक भारतीय संस्कृति का परिचायक नहीं है। राज्य के एक अन्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने ताजमहल के बुकलेट में नहीं होने को ‘मिसकम्युनिकेशन’ की संज्ञा दी थी।

हैदराबाद से एमआईएम पार्टी के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने संगीत सोम के बयान पर प्रतिक्रिया में कहा, “यह सरकार इतिहास से नफरत में अंधी हो गई है।  मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि दुनिया की सांस्कृतिक धरोहरों की सूची से ताजमहल को हटवाने के लिए UNESCO से कहें।  सभी से कहें, अगर आप भारत आते हैं, तो ताजमहल देखने मत जाइए।” बीजेपी नेताओं की मुगल बादशाहों को लेकर की गई टिप्पणियों का मज़ाक उड़ाते हुए जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, “अब 15 अगस्त पर लालकिले से भाषण नहीं होगा ? प्रधानमंत्री नेहरू स्टेडियम से राष्ट्र को संबोधित करेंगे, जो कुछ दिलों में अगाध उत्साह और खुशी भर देगा।”

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