नई दिल्ली। मोदी सरकार बेरोजगारी की समस्या को लेकर कितनी चिंतित है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सरकारी कंपनियों में खाली पड़े पदों को भरने के लिए बड़ी योजना बनाई जा रही है। इसके तहत केंद्र और राज्य सरकार के तहत आने वाले विभागों में 20 लाख खाली पदों को भरा जाएगा। इनमें से अकेले रेलवे में ही सुरक्षा संबंधी मामलों के लिए दो लाख से अधिक लोगों को नौकरी दी जानी है। भर्तियों की शुरुआत केंद्रीय मंत्रालयों और पब्लिक सेक्टर की 244 कंपनियों से हो सकती है। इस पहल की शुरुआत श्रम मंत्रालय की ओर से हुई है। श्रम मंत्रालय केंद्र सरकार के विभागों और संस्थानों में खाली पड़े पदों की संख्या पता कर रहा है। इसके बाद वह एक विस्तृत योजना पेश करेगा, जिसमें दिहाड़ी, साप्ताहिक और मासिक आधार पर इन पदों को भरने की योजना होगी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रशासनिक खर्च कम करने के लिए सरकारों ने भर्तियों पर रोक लगा दी थी। आने वाले कुछ महीनों में सरकार इन खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू करेगी, जिससे यह सिलसिला टूटेगा। गौरतलब है कि जॉबलेस ग्रोथ को लेकर मोदी सरकार की आलोचना हो रही है। इसका जवाब देने के लिए मोदी सरकार यह कदम उठाने जा रही है। केंद्र सरकार ऐसे समय में इन पदों को भरने जा रहा है, जब राजकोषीय घाटे को कम करने के लक्ष्य को हासिल करने का दबाव बढ़ रहा है।
माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्रालयों के स्तर पर छह लाख से अधिक पद खाली हैं। यदि इन पदों को भरने का अभियान सफल होता है, तो राज्यों में भी इसे लागू किया जाएगा। इससे देश में करीब 20 लाख लोगों को नौकरी मिल सकेगी। बताते चलें कि वित्त वर्ष 2012 में देश में कुल 47.36 करोड़ लोग रोजगार में लगे थे, जिनमें से 23 करोड़ लोग कृषि और 24 करोड़ लोग इंडस्ट्री व सर्विस सेक्टर में काम कर रहे थे।