नई दिल्ली। समाजवादी परिवार के झगड़े को सुलझाने के लिए सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने फार्मूला तैयार कर लिया है। मुलायम सिंह यादव के फार्मूले पर करीब-करीब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और सपा नेता शिवपाल यादव दोनों सहमत हो गए हैं लेकिन अखिलेश यादव अपनी एक शर्त पर अभी भी अड़े हुए हैं। वहीं शिवपाल यादव अगर अखिलेश यादव की बात मान लेते हैं तो उनके राह में रोड़ा रामगोपाल यादव बन रहे हैं। इसी बीच ये खबर है कि गुरुवार को आगरा में होने वाले सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में शिवपाल यादव शामिल होंगे।
रामगोपाल यादव बन रहें हैं रोड़ा
खबरों के मुताबिक शिवपाल यादव अपने तीन करीबियों की वापसी चाहते हैं जिन्हें अखिलेश यादव ने पार्टी से निकाला है।अब इसके अलावा शिवपाल खुद के लिए अब राष्ट्रीय महासचिव का पद चाहते हैं, जिस पर मुलायम सिंह यादव भी सहमत हैं और अखिलेश की भी कुछ इसी तरह की है। हालांकि शिवपाल यादव के राष्ट्रीय राजनीति में सबसे बड़ा रोड़ा रामगोपाल यादव हैं। रामगोपाल को लगता है कि शिवपाल के राष्ट्रीय राजनीति सक्रिय होने से उनका राजनीतिक कद कमजोर होगा। शिवपाल के किया अखिलेश को फोन समाजवादी परिवार में सुलह के संकेत पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने भी दिया है उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव हमारे नेता हैं और शिवपाल यादव सारथी। पांच तारीख के अधिवेशन में सभी शामिल होंगे। खबर है कि शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव को फोन करके अध्यक्ष चुने जाने की अग्रिम बधाई दी है। चाचा भतीजे के बीच दोनों के बीच सुलह के आसार बने है। शिवपाल ने मुलायम के कहने पर पहल की है और सारे गिले शिकवे भुलाकर अखिलेश से दोस्ती का हाथ बढ़ाया है।
मुलायम ने सुझाया फार्मूला
दरअसल मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव के बीच मंगलवार शाम बात हुई है जिसमें मुलायम सिंह ने अपने छोटे भाई शिवपाल को इस बात के लिए मना लिया है कि वो राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय हो जाए और अखिलेश के हाथों में यूपी की राजनीति छोड़ दी जाए। इस बात पर सहमति बन चुकी है। जिसके बाद पूरी संभावना है कि शिवपाल यादव आगरा के राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल हों। आपको बता दें कि सपा का वजूद यूपी में ही है।
जेडीयू ज्वाइन करने की थी खबर
इससे पहले खबर थी कि नई राजनीतिक जमीन तलाश रहे शिवपाल यादव अपने नई प्लानिंग से सपा अध्यक्ष और अपने भतीजे अखिलेश यादव को झटका देने वाले हैं। सूत्रों के मुताबिक शिवपाल जल्द ही जनता दल यूनाइटेड में शामिल हो सकते हैं, जो कि हाल ही में दोबारा एनडीए का घटक दल बना है। माना जा रहा है कि शिवपाल को जेडीयू का उत्तर प्रदेश का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है। खबर यो यहां तक है कि शिवपाल यादव यूपी की योगी सरकार में मंत्री भी बनाए जा सकते हैं।