कारोबार

वोडाफोन-आइडिया मर्जर से बनेगी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड , जाने कुछ बातें

वोडाफोन और आइडिया के मर्जर से बनने वाली नई कंपनी में इन दोनों ही कंपनियों के नाम शामिल होंगे

 

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। इंडियन टेलिकॉम सेक्टर की दो दिग्गज कंपनियां वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर जल्द ही मर्जर के बाद एक कंपनी बन जाएंगी। मर्जर के बाद बनने वाली नई कंपनी का नाम होगा वोडाफोन इंडिया लिमिटेड। आइडिया सेल्युलर के बोर्ड ने 26 जून को एक असाधारण आम बैठक बुलाई है। इस बैठक में ही आइडिया सेल्युलर लिमिटेड का नाम बदलकर वोडाफोन इंडिया लिमिटेड किए जाने को मंजूरी दी जाएगी। इतना ही नहीं इस बैठक में नई कंपनी की ओर से 15,000 करोड़ रुपये का फंड जुटाने के प्रस्ताव पर मंजूरी की भी मांग की जाएगी। हम अपनी इस खबर में आपको वोडाफोन और आइडिया के मर्जर से जुड़ी 10 बड़ी बातें बता रहे हैं।

 

  • कंपनी ने स्टॉक मार्केट फाइलिंग में यह जानकारी दी है कि 20 मार्च, 2017 को एक ‘कार्यान्वयन समझौते’ के संदर्भ में, नई बनने वाली कंपनी के नाम में वोडाफोन और आइडिया के नामों को शामिल करने के लिए प्रस्ताव रखा गया था।

 

  • आइडिया के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने फैसला किया था कि कंपनी का नाम आइडिया सेल्युलर लिमिटिड से बदलकर वोडाफोन आइडिया लिमिटेड रखा जाएगा।

 

  • रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) ने वांछित नाम वोडाफोन आइडिया लिमिटेड की उपलब्धता पर इसको 24 मई 2018 को मंजूरी दे दी है। कंपनी

 

  • अधिनियम, 2013 के प्रावधानों और नियमों के अंतर्गत कंपनी को अपने नाम में परिवर्तन के लिए विशेष प्रस्ताव के जरिए शेयरधारकों की स्वीकृति प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।

 

  • नाम में बदलाव के साथ ही कंपनी विशेष प्रस्ताव के जरिए सदस्यों से यह अनुमति भी मांगेगी कि उसे नॉन-कन्वर्टिबल सिक्यॉरिटीज के जरिए 15,000 करोड़ रुपये जुटाने की स्वीकृति भी दी जाए।

 

  • मर्जर के लिए कंपनी को पहले भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) से मंजूरी मांगनी होगी। 24 जुलाई को, बीते साल इन दोनों कंपनियों को मर्जर की स्वीकृति दे दी थी। वहीं मई 2017 को सेबी ने इन दोनों कंपनियों के मर्जर प्रस्ताव पर स्पष्टीकरण की मांग की थी।

 

  • बीते साल 13 अक्टूबर को आइडिया सेल्युलर के शेयर होल्डर्स ने कंपनी के मोबाइल बिजनेस के वोडाफोन के साथ मर्जर को मंजूरी दे दी थी। आइडिया के करीब 99 फीसद शेयरहोल्डर्स ने 12 अक्टूबर 2017 को हुई एक बैठक में इस मर्जर प्रस्ताव के समर्थन में वोट किया था। यह जानकारी स्टॉक फाइलिंग में कुमार मंगलम बिड़ला ने दी है।

 

  • शेयरधारकों की मंजूरी के बाद कंपनी को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की मंजूरी चाहिए होगी। एनसीएलटी की मंजूरी के बाद कंपनियां टेलिकॉम डिपार्टमेंट में अंतिम मंजूरी के लिए आवेदन कर सकती हैं।

 

  • 22 मार्च को दोनों कंपनियों ने घोषणा की थी कि वोडाफोन के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर बालेश शर्मा को मर्जर के बाद बनने वाली कंपनी का नया सीईओ नियुक्त किया जाएगा।

 

  • कुमार मंगलम बिड़ला मर्जर से बनने वाली कंपनी के नॉन एग्जीक्यूटिव चेयरमैन होंगे।

 

  • वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर फिलहाल देश की नंबर 2 और नंबर तीन कंपनियां हैं, जबकि भारतीय एयरटेल नंबर 1 टेलिकॉम कंपनी है। वोडाफोन और आइडिया के बीच मर्जर के बाद वोडाफोन के पास 45.1 फीसद की हिस्सेदारी होगी, जबकि आइडिया सेल्युलर के पास 26 फीसद की हिस्सेदारी होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *