भारत की हिमा दास ने गुरुवार को फिनलैंड के टेम्पेरे में जारी आईएएफ वर्ल्ड अंडर-20 चैंपियनशिप की महिलाओं की 400 मीटर स्पर्धा में स्वर्ण जीत कर इतिहास रचा है.
रेस जीतने के बाद जब हिना ने गोल्ड मेडल लिया और सबके सामने राष्ट्रगान बजा तो उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े.
रेस जीतने पर हिमा ने कहा कि ‘विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर मैं बहुत खुश हूं. मैं सभी देशवासियों और यहां पर मेरा उत्साह बढ़ाने वालों की आभारी हूं.
हिमा ने यह रेस 51.46 सेकेंड में पूरी की. रोमानिया की एंड्रिया मिकलोस को सिल्वर और अमरीका की टेलर मैंसन को ब्रॉन्ज़ मेडल मिला.
दौड़ के 35वें सेकेंड तक हिमा शीर्ष तीन खिलाड़ियों में भी नहीं थीं, लेकिन बाद में उन्होंने रफ्तार पकड़ी और इतिहास बना लिया.
आखिरी 100 मीटर में हिमा ऐसे दौड़ीं जैसे वह 100 मीटर की रेस में भाग रही हों.
आपको बता दें कि हिमा दास ने इस उपलब्धि के साथ उस सूखे को भी खत्म कर दिया जो भारत के लेजेंड मिल्खा सिंह और पीटी उषा भी नहीं कर पाए थे.
हिमा दास से पहले भारत की कोई महिला या पुरुष खिलाड़ी जूनियर या सीनियर किसी भी स्तर पर विश्व चैम्पियनशिप में गोल्ड या कोई मेडल नहीं जीत सका था.
हिमा दास से पहले सबसे अच्छा प्रदर्शन मिल्खा सिंह और पीटी उषा का रहा था. पीटी उषा ने जहां 1984 ओलिंपिक में 400 मीटर हर्डल रेस में चौथा स्थान हासिल किया था.
इससे पहले बुधवार को हुए सेमीफाइनल में भी शानदार प्रदर्शन करते हुए 52.10 सेकंड का समय निकालकर वो पहले स्थान पर रही थीं.
पहले दौर की हीट में भी 52.25 समय के साथ वो पहले स्थान पर रही थी.
हिमा का जन्म 9 जनवरी 2000 में हुआ. अभी उनकी उम्र 18 साल है. हिमा असम के नागांव जिले के ढिंग गांव में एक चावल किसान की बेटी हैं. किसान के 6 बच्चों में सबसे छोटी बेटी है और पहले लड़कों के साथ फुटबॉल खेलती थीं और एक स्ट्राइकर के तौर पर अपनी पहचान बनाना चाहती थीं.
हिमा के टैलेंट की खोज उनके कोच निपोन दास ने जनवरी 2017 में की थी. गुवाहाटी में उनके कोच निपोन दास का कहना है कि वह हिमा की दौड़ को लेकर चिंतित नहीं थे. क्योंकि मैं जानता था कि उसकी असली दौड़ अंतिम 80 मीटर में शुरू होती है. निपॉन ने बताया कि वह तेज हवा की तरह दौड़ रही थी. मैंने इतनी कम उम्र में ऐसी प्रतिभा किसी के अंदर नहीं देखी थी.
निपॉन शुरू से ही हिमा को गाइड करते आए हैं. इंडियन एक्प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार निपॉन ने कहा- ‘मैं हमेशा हिमा को कहता था कि ‘बड़े सपने’ के बारे में सोचो. क्योंकि कुछ ही लोगों को भगवान की द्वारा ये बेहतरीन प्रतिभा नसीब होती है. कोच ने बताया मेरा सपना है कि वह एशियन गेम्स की रिले टीम का हिस्सा बनें.
हिमा की उपलब्धि पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद समेत कई दिग्गज हस्तियों ने उन्हें बधाई भी दी है.