अप्रैल-जून की पूरी तिमाही में सोने की कीमत 30,000 रुपए प्रति 10 ग्राम से नीचे नहीं आई। यही कारण रहा कि देश में इस तिमाही में सोने की डिमांड 8% घटकर 187.2 टन रह गई। पिछले साल जून तिमाही में डिमांड 202.6 टन रही थी। यानी 15 टन की गिरावट आ गई।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने गुरुवार को जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी। रिपोर्ट के अनुसार आयात भी 38% कम हुआ है। पिछली तिमाही 32 टन सोने की रिलाइक्लिंग हुई, जो एक साल पहले की तुलना में 8% ज्यादा है। पूरे साल में डिमांड 700 से 800 टन रहने के आसार हैं। पिछले साल यह 727 टन थी। राजस्थान सर्राफा संघ के अध्यक्ष सुभाष गुप्ता ने कहा कि 10% कस्टम ड्यूटी के बाद 3% जीएसटी लग रहा है। रुपया भी इस साल 7% कमजोर हुआ जिससे आयात महंगा हो गया। इससे स्मगलिंग भी बढ़ रही है। बांग्लादेश, नेपाल और खाड़ी देशों से बड़े पैमाने पर स्मगलिंग हो रही है।
ज्वैलर्स के अनुसार मार्केट में कैश फ्लो नहीं होने से भी ग्राहकी घटी है। थोक और ज्वैलरी दोनों की मांग कम है। इसके बावजूद सोने की खरीदारी के लिए मौजूदा समय उचित माना जा रहा है। इसकी भारतीय इकाई के एमडी सोमसुंदरम पीआर ने कहा कि पिछले साल जीएसटी लागू होने से पहले सोने की खरीद में तेजी आई थी। लोगों को दाम बढ़ने की आशंका थी। इस साल अक्षय तृतीया और शादियों के कारण शुरू में डिमांड दिखी, लेकिन बाद में धीमी पड़ गई। बेहतर मानसून, ज्यादा एमएसपी और त्योहारी सीजन के कारण दूसरी छमाही में डिमांड बढ़ने की उम्मीद है।