पूर्वोत्तर राज्यों में चुनावी नतीजों के ऐलान के बाद मूर्ति तोड़ने का सिलसिला तेज हो गया है। त्रिपुरा में लेनिन और तमिलनाडु में पेरियार की मूर्ति तोड़े जाने के बाद अब कोलकाता में मूर्ति तोड़े जाने की जानकारी मिल रही है। दक्षिण कोलकाता में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति क्षतिग्रस्त करने की कोशिश की गई है। दक्षिण कोलकाता के कालीघाट में जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति पर हमला किया गया है।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति के चेहरे पर कालिख पोती गई है। साथ ही उस पर पथराव भी किया गया है। इसके अलावा हमलावरों ने मूर्ति के पास एक संदेश भी लिखकर रखा है। जिसमें लिखा है कि दोबारा इसे (श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति) स्थापित करने की जुर्रत मत करना। हम तोड़कर नया बनाना जानते हैं। हम सपना देखना भी जानते है और उसे हकीकत में बदलने का भी माद्दा रखते हैं।
घटना पर पश्चिम बंगाल की बीजेपी इकाई ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति गिराये जाने की निंदा की है। उन्होंने राज्य सरकार से घटना पर सख्त कदम उठाए जाने की अपील की है।
इधर मूर्तियां तोड़े जाने की घटनाओं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने इस बाबत केंद्रीय गृहमंत्री से भी बात की है और कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने मूर्तियां तोड़ने की घटनाओं को दुखद बताया है। उन्होंने ट्वीट में लिखा है पार्टी इसका समर्थन नहीं कर सकती।
लेनिन की प्रतिमा गिराने पर बंगाल में चौतरफा विरोध
दक्षिणी त्रिपुरा में सोमवार को रूसी क्रांति के नायक रहे व्लादिमीर लेनिन की प्रतिमा गिराए जाने को लेकर माकपा लगातार भाजपा को घेरने में जुटी है। वहीं, इस मामले की पृष्ठभूमि में तृणमूल प्रमुख व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इसकी कड़ी निंदा की है। मंगलवार को महानगर में माकपा ने प्रतिमा गिराए जाने के खिलाफ एक विरोध जुलूस निकाला जिसमें माकपा महासचिव सीताराम येचुरी समेत पोलित ब्यूरो के सदस्य प्रकाश करात, बृंदा करात, वामो चेयरमैन विमान बोस, माकपा के राज्य सचिव सूर्यकांत मिश्रा शामिल हुए। रैली प्रमोद दासगुप्ता भवन से एस्प्लैनेड स्थित लेनिन की मूर्ति तक निकाली गई। इसके विरोध में एसयूसीआइ (कम्युनिस्ट) के कार्यकर्ताओं ने भी इस दिन जुलूस निकाला।
ममता ने की निंदा
लेनिन की प्रतिमा गिराए जाने की कड़ी निंदा करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि ऐसे अलगाववादी नेता गांधी, सुभाष चंद्र बोस और स्वामी विवेकानंद की प्रतिमाओं को भी निशाना बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि माकपा के साथ उनके सैद्धांतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन लेनिन जैसे किसी नेता की प्रतिमा ढहाना उनको बर्दाश्त नहीं होगा।