नई दिल्ली : लहसुन, सब्ज़ी है या मसाला? इस पर विवाद शुरू हो गया है। विवाद यूं ही हंसी-मज़ाक में नहीं हो रहा है बल्कि इसकी वजह काफी गंभीर है, मामला कोर्ट पहुंच चुका है।
अब राजस्थान हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि लहसुन सब्जी है या मसाला। दरअसल, राजस्थान सरकार के 2016 के नए कानून के मुताबिक लहसुन को अनाज मंडी में बेचा जाना चाहिए लेकिन 2016 से पहले तक इसे सब्ज़ी मंडी में बेचा जाता था। विक्रेताओं के मुताबिक सब्ज़ी मंडी में बेचने पर बिचौलिए छह प्रतिशत कमीशन देते हैं लेकिन अनाज मंडी में बिचौलिए केवल दो फीसदी कमीशन देते हैं, यही लहसुन बेचने वालों की परेशानी की वजह है।
इस विवाद को लेकर जोधपुर के आलू-प्याज़ और लहसुन विक्रेता संघ ने राजस्थान हाइकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है। याचिका में उहोंने पूछा है कि आखिर लहसुन को अनाज मंडी में क्यों बेचें?
आलू-प्याज़ और लहसुन विक्रेता संघ के अध्यक्ष बंसीलाल सांखला ने बताया, “पिछले 40 साल से लहसुन को हम सब्ज़ी मंडी में बेचते आए हैं। आज तक कोई दिक्कत नहीं है। ये जरूर है कि सब्ज़ी मंडी अब छोटी पड़ गई है लेकिन सरकार को जगह को बड़ा करने के बारे में सोचना चाहिए न कि व्यापारियों को परेशान करने के बारे में।”
राजस्थान सरकार के मुताबिक सब्ज़ी मंडी में जगह की कमी की वजह से सरकार ने 2016 में कानून में बदलाव करके लहसुन को अनाज मंडी में बेचने का प्रवाधान किया था। साल 2016 में यहां लहसुन की बंपर पैदावार हई थी।