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लक्जरी कारों पर जीएसटी उपकर बढ़ाने के लिये अध्यादेश लाने को मंत्रिमंडल की मंजूरी

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने नई माल एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत महंगी बड़ी कारों और एसयूवी पर उपकर बढ़ाने के लिये अध्यादेश लाने को आज मंजूरी दे दी।

मंत्रिमंडल के समक्ष इस तरह की कारों पर उपकर को मौजूदा 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है. केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद एक सूत्र ने बताया,  उंची दर से उपकर लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। जीएसटी परिषद ने पांच अगस्त को हुई अपनी बैठक में एसयूवी, मध्यम एवं बड़े आकार की लक्जरी कारों पर उपकर बढ़ाने को मंजूरी दे दी थी। जीएसटी लागू होने के बाद इन वाहनों के दाम कम हो गये।
बहरहाल, उपकर बढ़ाने के लिये जीएसटी (राज्यों को क्षतिपूर्ति) अधिनियम 2017 की धारा आठ में संशोधन करना होगा।
जीएसटी लागू होने से पहले लक्जरी कारों पर सबसे ज्यादा कर की दर 52 से लेकर 54.72 प्रतिशत तक थी. इसमें 2.5 प्रतिशत केन्द्रीय बिक्री कर और चुंगी का शामिल किया गया था।  इसके विपरीत जीएसटी लागू होने के बाद ऐसे वाहनों पर अधिकतम कर की दर 43 प्रतिशत रह गई है।  इसलिये कर की दर को जीएसटी-पूर्व के स्तर तक लाने के लिये उच्चतम क्षतिपूर्तिउपकर की दर को 25 प्रतिशत तक करना होगा। यही वजह है कि जीएसटी लागू होने के बाद ज्यादातर एसयूवी वाहनों के दाम 1.1 लाख से लेकर तीन लाख रुपये तक कम कर दिये गये। देश में जीएसटी एक जुलाई 2017 से लागू हो गया है. जीएसटी में केन्द्र और राज्यों के स्तर पर लगने वाले करीब एक दर्जन करों को समाहित कर लिया गया है।  बहरहाल, उपकर बढ़ने के बाद लक्जरी और एसयूवी वाहनों के दाम में की गई कटौती वापस हो सकती है।जीएसटी कानून में लक्जरी सामानों जैसे की कार और दूसरे अहितकर उत्पाद जैसे की तंबाकू आदि पर जीएसटी के अलावा उपकर लगाया गया है ताकि राज्यों को होने वाले संभावति राजस्व नुकसान की भरपाई की जा सके।

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