रोहिंग्या मुसलमानों के साथ जातीय हिंसा की घटनाओं में तेजी आने के बीच म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू का एक विवादित बयान सामने आया है। म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की ने आतंकवादी संगठनों पर राखाइन प्रांत में फैली हिंसा के बारे में गलत तस्वीरों के जरिए झूठी खबरें चलाने का आरोप लगाया है। हालांकि उन्होंने अपने बयान में 25 अगस्त से जारी रोहिंग्या मुसलमानों के साथ जातीय हिंसा का जिक्र नहीं किया।
सू के बयान के अनुसार बड़े पैमाने पर भ्रामक खबरों के जरिए रोहिंग्याओं के प्रति सहानुभूति पैदा की जा रही है जो विभिन्न समुदायों के बीच बहुत सी समस्याएं खड़ी करने और आतंकवादियों के हित को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया जा रहा है। आंग सान सूने ने तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन से फोन पर बातचीत के दौरान यह बात कही। सु ने कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर गलत सूचनाओं पर विश्वास नहीं किया जाए। सू ने कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों के प्रति म्यांमार के बर्ताव को बड़े पैमाने पर भ्रामक खबरों से असंतोष को भड़काया जा रहा है। आंग सान सूने ने तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन से गलत जानकारी के आधार पर उनके उप प्रधानमंत्री के विरोध प्रदर्शन पर आपत्ति भी जताई है।
जानकारी पब्लिक की
म्यांमार सरकार सक्रिय ने राखाइन प्रांत में 25 अगस्त से मूलवासियों पर हुए हमलों की जानकारी सार्वजनिक की है। बताया है कि आतंकी संगठन अराकान रोहिंग्या मुक्ति सेना (एआएसए) के कुल 97 हमलों में 36 लोग मारे गए जिनमें 13 सुरक्षा बलों के जवान हैं। हमलों से बचाने के लिए कुल 26,747 मूलवासियों को विस्थापित करके सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया।
निशाने पर सू
स्टेट काउंसलर आंग सान सू पर इस मामले में चुप रहने को लेकर कई आरोप लगाए जा रहे हैं। मानवाधिकारों के लिए लड़ने वाली नायिका की छवि होने की वजह से हाल के दिनों में रोहिंग्याओं को निशाना बनाने वाली हिंसा के खिलाफ बोलने में विफल रहने को लेकर निशाना बनाया गया है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरस ने अल्पसंख्यकों को लेकर बिगड़ रहे हालात से जुड़े खतरों से म्यांमार को आगाह किया है।
मोदी से की मुलाकात
म्यांमार दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की के साथ डेलिगेशन लेवल की वार्ता की। दोनों नेताओं ने वार्ता के बाद साझा प्रेस वार्ता को संबोधित किया। भारत और म्यांमार के बीच कुल 11 समझौते हुए। पीएम मोदी ने साझा प्रेसवार्ता में रोहिंग्या मुसलमानों का मुद्दा भी उठाया। पीएम ने कहा कि भारत म्यांमार की चुनौतियों को समझता है और शांति के लिए हर संभव मदद करेगा।
राष्ट्रपति ने किया स्वागत
म्यांमार पहुंचने पर राष्ट्रपति हतिन क्याव ने पीएम मोदी का स्वागत किया। इस दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति क्याव के साथ म्यांमार और भारत के एतिहासिक रिश्तों को मजबूत करने पर चर्चा की। गौरतलब है कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2014 में आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने म्यांमार गए थे। इसके बाद म्यांमार के राष्ट्रपति और सू की पिछले साल भारत आए थे। म्यांमार भारत के रणनीतिक पड़ोसियों में से एक है और उग्रवाद प्रभावित नगालैंड एवं मणिपुर समेत कई भारतीय पूर्वोत्तर राज्यों के साथ 1640 किलोमीटर की सीमा साझा करता है।