राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव रेलवे टेंडर मामले में सीबीआई ऑफिस पहुंच गए हैं। लालू के साथ उनकी बेटी मीसा भारती भी हैं। लालू के अलावा उनके बेटे तेजस्वी यादव शुक्रवार यानी कल सीबीआई के सामने पेश होंगे। बता दें कि इससे पहले सीबीआई इस केस में लालू और उनके बेटे तेजस्वी यादव को 4 समन भेज चुकी है। लेकिन उन्होंने अलग-अलग कारण बताकर पेश होने में असमर्थता जताई थी।
सीबीआई के लपेटे में आई लालू की पूरी फैमिली
साल 2006 में रेलवे ने हेरिटेज बीएनआर के दो सरकारी होटल का टेंडर निकाला। एक होटल रांची में था वहीं दूसरा पुरी में। इस होटल के मेंटिनेंस और काम का टेंडर चाणक्य होटल की निजी कंपनी को दिया गया। जिसमें आरआरसीसीटीसी के एमडी पीके गोयल पर नियमों को ताक में रखने का आरोप हैं। इस मामले में दो अन्य आरोपी चाणक्य के एमडी भाई विनय कोचर और विमल कोचर हैं। इस कॉन्ट्रेक्ट के बदले में चाणक्य की तरफ से दो एकड़ जमीन डिलाइट गुप को सौंपी गई। 32 करोड़ की ये जमीन महज 65 लाख रुपये में डिलाइट ग्रुप को दी गई।
डिलाइट ग्रुप की मालकिन सरला गुप्ता हैं। जो कि लालू की पार्टी आरजेडी के सांसद प्रेम चंद गुप्ता की पत्नी हैं। 2011 मे इस कंपनी के शेयर लालू यादव के परिवार को दिए गए। 2014 में लालू परिवार को डिलाइट ग्रुप का मालिकाना हक मिला। 6 फरवरी 2014 को तेजप्रताप और तेजस्वी यादव इसके डायरेक्टर बने। 26 जून 2014 में बेटी चंदा डायरेक्टर बनी। उसके बाद 5 अगस्त 2014 को बेटी रागिनी डायरेक्टर बनी। 14 फरवरी 2017 को डिलाइट कंपनी का नाम बदलकर लारा कर दिया गया। लारा प्रजोक्ट में पहले लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी और बेटे तेजस्वी यादव के नाम था। बाद में लालू ने इस ग्रुप से अपना नाम हटा लिया। पटना में इसी जमीन पर अब मॉल का निर्माण किया जा रहा है।