नई दिल्ली : आपने क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (BitCoin) और लिटकॉइन (LiteCoin) के बारे में तो खूब सुना होगा। दरअसल ये दोनों ही आभासी मुद्रा हैं, जिन्होंने पिछले दिनों निवेश्कों को जबरदस्त रिटर्न दिया है। हालांकि BitCoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर आरबीआई की तरफ से चेतावनी भी जारी की जा चुकी है।
अब खबर है कि टेलीकॉम इंडस्ट्री में धमाल मचाने के बाद रिलायंस जियो (Reliance Jio) अपनी क्रिप्टोकरेंसी लाने का प्लान कर रहा है। इस क्रिप्टोकरेंसी का नाम जियो कॉइन (JioCoin) रखा जाएगा। खबर यह भी है कि इस अहम प्रोजेक्ट का नेतृत्व मुकेश अंबानी नहीं बल्कि उनके बेटे आकाश अंबानी करेंगे।
खबर के अनुसार आकाश अंबानी की अगुआई में 50 पेशेवरों की टीम बनाई जा रही है। इस टीम की औसत आयु 25 वर्ष होगी।
क्रिप्टोकरेंसी का चलन बढ़ा
माना जा रहा है कि रिलायंस जियो ने यह फैसला दुनियाभर में क्रिप्टो करेंसी के बढ़ते चलन को देखते हुए किया है। मुकेश अंबानी के बड़े बेटे आकाश अंबानी के नेतृत्व में बनने वाली टीम क्रिप्टोकरेंसी के लिए जरूरी ब्लॉकचेन का निर्माण करेगी और उसके तकनीकी पहलुओं पर निगाह रखेगी। इस सप्लाई चेन में शामिल होने वाले ‘जियोकॉइन’ के माध्यम से खरीद-फरोख्त कर सकेंगे।
बच्चन फैमिली ने भी किया इनवेस्ट
पिछले दिनों एक अंग्रेजी अखबार ने दावा किया था कि बच्चन फैमिली ने करीब ढाई साल पहले मई 2015 में बिटकॉइन (Bitcoin) में 1.6 करोड़ रुपए का निवेश किया था। जिसकी कीमत अब 114 करोड़ रुपए हो चुकी है। अखबार का दावा था कि अमिताभ बच्चन ने अपने बेटे अभिषेक बच्चन के साथ मिलकर पर्सनल इनवेस्टमेंट के तहत सिंगापुर की फर्म मेरिडियन टेक पीटीई में 1.6 करोड़ रुपए का निवेश किया था। इस खबर के आने के बाद लोगों का रुझान बिटकॉइन की तरफ बढ़ गया था।
सरकार ने किया था आगाह
दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने भी निवेशकों को बिटकॉइन (Bitcoin) जैसी क्रिप्टो करेंसी के प्रति आगाह किया था। पिछले दिनों राज्यसभा में प्रश्न काल के दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने द्रमुक सदस्य कनिमोझी के एक पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया था कि वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के सचिव की अध्यक्षता में बनी विशेषज्ञ समिति विशिष्ट कार्रवाइयों को सुझाने के लिए क्रिप्टो करेंसी से संबंधित सभी मुद्दों पर विचार-विमर्श कर रही है।
क्रिप्टो करेंसी भारत में वैध नहीं
वित्त मंत्री ने सदन को बताया कि 2013 से 2017 तक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और सरकार का रुख बहुत साफ रहा है कि बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी भारत में वैध मुद्रा नहीं हैं। कनिमोझी ने सवाल पूछा था कि क्या सरकार बिटकॉइन और एथिरियम जैसी क्रिप्टो करेंसियों को विनियमित करने के संबंध में विचार कर रही है। अरुण जेटली ने कहा था कि क्रिप्टो करेंसी का एक पहलू यह है कि उनमें सरकार पर निर्भरता का अभाव है।
करीब 785 आभासी मुद्राएं चलन में
वित्त मंत्री ने यह भी बताया था कि फिलहाल करीब 785 आभासी मुद्राएं चल रही हैं। आरबीआई ने भी पिछले दिनों चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं दी गई है और इसमें निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है। साल 2017 के अंतिम दिनों में बिटकॉइन की कीमत ने करीब 13 लाख रुपए का आंकड़ा छू लिया था।