वाराणसी (जेएनएन)। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने फ्लाई ओवर हादसे में घायलों को देखने के बाद प्रदेश सरकार पर बड़ा आरोप जड़ा। उन्होंने कहा कि सरकार वाराणसी में काफी काम को लोकसभा चुनाव से पहले खत्म करना चाहती है। यहां पर भी तीन मंदिर को तोड़कर फ्लाईओवर बनवाया जा रहा था
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राज बब्बर आज दोपहर में फ्लाईओवर हादसे में घायल लोगों के साथ ही उनके परिजनों से भी मिले। बीएचयू में वह काफी देर तक अस्पताल में रहे।
इस दौरान राज बब्बर ने कहा कि हमें पता चला है कि सरकार लोकसभा चुनाव से पहले सभी काम पूरा कराने की जल्दी में हैं। इसी कारण काम को काफी तेजी से कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमको तो यह भी पता चला है कि इस फ्लाईओवर को बनाने के कारण तीन मंदिरों को तोड़ा गया है। लोगों का मानना है कि हो सकता है कि इसी कारण से कल इसके दो बीम जमीन पर आ गए।राज बब्बर ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि पुल को चुनाव से पहले तैयार करने के लिए तीन विनायक मंदिरों को तोड़ा गया था। लोगों का यह मानना है कि हादसा भगवान विनायक के श्राप की वजह से ही हुआ है।
इस दौरान उन्होंने हर पीडि़त से उसका पक्ष भी जाना। राज बब्बर ने इस दौरान कहा कि सिर्फ अधिकारियों को सजा देने से ही इस बड़े हादसे पर पल्ला नही झाड़ा जा सकता। प्रदेश के सेतु निर्माण मंत्री को भी इस्तीफा देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इसकी भी जांच होने जाहिए कि किन क्षेत्रीय मंत्रियों के दबाव में मानकों की अनदेखी कर तेजी से निर्माण हो रहा था, इसकी भी जांच होनी चाहिए। राज बब्बर ने कहा मृतकों को पांच लाख का मुआवजा नाइंसाफी है। इनके परिजनों को कम से कम 50-50 लाख रुपया मिलना चाहिए। इसी तरह से घायलों को 20-20 लाख रुपया मिलना चाहिए।
राज बब्बर ने कहा कि देश के किसी भी हिस्से में कोई भी दुर्घटना होने पर वहां का क्षेत्रीय सांसद जरूर पहुंचता है। यहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या उनकी ओर से किसी भी केंद्रीय मंत्री का न पहुंचना दुर्भाग्यपूर्ण है। शहर ही नहीं देशभर में इस तरह के निर्माण को तत्काल रोक देना चाहिए और जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही दोबारा काम शुरू हो। यदि काम रोका नहीं गया तो कांग्रेस पार्टी प्रदेश भर में आंदोलन करेगी।
राज बब्बर ने कहा कि कर्नाटक में लगभग आधा दर्जन केंद्रीय मंत्री रवाना किए गए हैं, लेकिन वाराणसी में एक भी नहीं आया है। लगता है कर्नाटक के जश्न में काशी की कराहती जनता की आवाज गुम होकर रह गई है।