रांची : डीवीसी में बेटों की नौकरी के लिए घटवार आदिवासी महिलाओं की निर्वस्त्र फोटो खिंचवाने और इसे वायरल करने से राज्य भर के आदिवासी संगठन नाराज हैं। रांची, धनबाद, जमशेदपुर समेत विभिन्न जिलों की आदिवासी संस्थाओं और समूहों ने मंगलवार को घटवार आदिवासी महासभा के नेता रामाश्रय सिंह, मुख्यमंत्री रघुवर दास और राज्य सरकार का विरोध किया। कई स्थानों पर सीएम, रामाश्रय और सरकार के पुतले जलाए गए।
रांची में पिस्का मोड़ पर आदिवासी सेना, अलबर्ट एक्का चौक पर महिला कांग्रेस व सरना महासभा और डोरंडा में कांग्रेस ने जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया और पुतला दहन कर मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की। शिक्षाविद डॉ. करमा उरांव ने कहा कि तस्वीरें विस्थापन का दर्द दिखा रही हैं। इस समस्या का सरकार तत्काल समाधान निकाले।
जमशेदपुर में भारत मुंडा समाज और ट्राइबल इंडियन कॉमर्स ने इस मुद्दे पर एफआईआर दर्ज कराने का निर्णय लिया है। आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा कि रामाश्रय सिंह के खिलाफ आंदोलन चलाया जाएगा। धनबाद में भी रणधीर वर्मा चौक पर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री रघुवर दास का पुतला फूंका।
आदिवासी महिलाओं की तस्वीरें फेसबुक पर डालने वाले घटवार आदिवासी महासभा के नेता रामाश्रय सिंह ने बुधवार को एक बार फिर माफी मांगी है। उन्होंने फेसबुक से फोटो भी हटा ली है। रामाश्रय ने कहा कि वे बेहद दुखी हैं। लेकिन मामला ऐसी स्थिति में क्यों पहुंचा, इस पर भी मंथन होना चाहिए। 50 सालों से लोग अपना हक मांग रहे हैं। 150 बार भूख हड़ताल की। 30 बार समझौता कर डीवीसी मुकर गया। सीबीआई जांच का पत्र गायब है। क्या राज्य सरकार की आंखों में शर्म है। वह भी शर्म करे और वास्तविक विस्थापितों को हक दिलवाए।