रितेश सिन्हा, स्वराज ब्यूरो | विपक्ष की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार ने सभी राजनीतिक दलों का आह्वान करते हुए कहा कि अपनी अंतरात्मा की आवाज पर वोट दें। दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से चल रहे राजनीतिक घटनाक्रमों से आप भली-भांति परिचित हैं। मुझे 17 मुख्य विपक्षी दलों ने सोनिया गांधी के नेतृत्व में सर्वसम्मति से चुना है। विपक्ष की एकता समान विचारधारा पर आधारित है। उन्होंने कहा कि यह विचाराधारा गरीबी का अंत, जाति व्यवस्था का विनाश, प्रेस की आजादी की बात करती है। मैंने निर्वाचक मंडल के सभी सदस्यों को पत्र लिखा है। उनसे समर्थन मांगा है। उनसे अनुरोध किया है कि उनके सामने ये अद्वितीय अवसर है। सभी तरफ से ध्यान हटाकर अंर्तआत्मा की आवाज पर ध्यान देना चाहिए। दलित बनाम दलित की लड़ाई पर मीरा कुमार ने दो टूक शब्दों में कहा कि यह बडे़ अफसोस की बात है कि देश के सर्वोच्च पद के लिए जाति आधारित लड़ाई की बात सामने आ रही है। इसके पूर्व केवल योग्यता के आधार पर चुनाव होते थे। उन्होंने कहा कि एक मायने में खुशी भी है मगर दुख इस बात का है कि समाज की असलियत सामने आ रही है। हम यह आकलन करने में आसानी महसूस कर रहे हैं कि समाज किस तरह सोचता है। उन्होंने दुख प्रकट करते हुए कहा कि इसके पूर्व चुनावों में उच्च जाति के उम्मीदवार थे, मगर उनकी योग्यता की चर्चा अधिक होती थी, मुझे याद भी नहीं कि कभी उनकी जाति की चर्चा हुई हो।
उन्होंने कहा कि मेरी लड़ाई सम्मानित रामनाथ कोविंद के साथ है, चूंकि वे भी दलित जाति से आते हैं, लिहाजा आज सभी जाति की बात कर रहे हैं। मेरा मानना है कि जाति को गठरी में बांधकर जमीन में बहुत नीचे गहरा गाड़ कर देश को आगे बढ़ जाना चाहिए। नीतीश कुमार के कोविंद के समर्थन के सवाल पर उन्होंने कहा कि राजनीति में तो ऐसी बातें होती रहती है। वैसे आपको जानकारी दे दूं कि दो दिन पूर्व ही मैंने सभी राजनीतिक दलों को अपने समर्थन में मतदान करने के लिए चिट्ठी लिखी है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के हालिया ट्विट पर उन्होंने कहा कि मेरे लोकसभा अध्यक्ष के कार्यकाल के अंतिम सत्र के अंतिम दिन सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपने समापन भाषण दिए थे। सभी ने मुक्तकंठ से मेरी कार्यशैली की तारीफ ही की थी। ये सभी बयान रिकार्ड में सुरक्षित हैं। जहां तक विपक्ष मेरे ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहा है तो इस संबंध में मैं इतना कह सकती हूं कि सभी आरोप बेबुनियाद हैं। ये मेरे छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से किए जा रहे हैं। सरकार ने एक सरकारी प्रतिष्ठान को वो जमीन आवंटित की थी। जिस बकाए की बात की जा रही है, वे सभी निबटाए जा चुके हैं, वो भी नियम-कानून की तहत।
विपक्ष की राष्ट्रपति उम्मीदवार ने कहा कि इस समय देश हित प्रमुख है और देश हित में जो विचारधारा काम कर रही है, उसमें प्रेस की आजादी, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, समावेशी विकास और समाज में हाशिए पर खड़े लोगों तक विकास पहुंचाना प्रमुख कार्य है और मेरी इसी विचारधारा के प्रति गहरी आस्था है। उन्होंने मोदी सरकार का नाम लिए बगैर कहा कि आज दलितों के लिए बनी योजनाओं का लाभ उन तक नहीं पहुंच रहा है, उन्हें बड़ी लापरवाही से ट्रीट किया जा रहा है। इससे संविधान की आत्मा मर रही है। मेरा मानना है कि महिला सुरक्षा, शिक्षा और उनके अधिकार को सुरक्षित करना बेहद जरूरी है। मैं इसी विचारधारा के तहत अपनी राजनीतिक लड़ाई लड़ रही हूं और आगे भी इसे जारी रखूंगी।
-ये चुनाव जाति की नहीं विचारधारा की लड़ाई
-गुजरात के साबरमती आश्रम से करेंगी अभियान की शुरूआत
-जाति को गठरी में बांध कर जमीन के अंदर दफन कर दें
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