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रांची में मिले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश के लिंक

PM Modi With BSF

महाराष्ट्र स्थित पुणे जिले के भीमा-कोरेगांव में पिछले दिनों हुई हिंसा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश के लिंक रांची से भी मिले हैं। इसी लिंक को सुलझाने और सुबूत इकट्ठा करने महाराष्ट्र पुलिस की टीम मंगलवार को रांची पहुंची। नामकुम थाना क्षेत्र के एटीसी, बगीचा टोली में फादर स्टेन स्वामी का घर है, जहां घंटों तलाशी अभियान चलाया गया। इस तलाशी में स्टेन स्वामी के घर से महाराष्ट्र की कोरेगांव थाने की पुलिस ने कुल 33 सामान जब्त किए हैं।

मंगलवार की सुबह करीब साढ़े छह बजे महाराष्ट्र पुलिस ने स्थानीय पुलिस की मदद से फादर स्टेन स्वामी के घर की घेराबंदी कर तलाशी शुरू की। जांच के दौरान कोरेगांव पुलिस ने स्टेन स्वामी के कमरे से लैपटॉप, मोबाइल, दर्जनों सीडी, कैमरा, टैब समेत कई दस्तावेज जब्त किए हैं। जब्ती सूची पर कोरेगांव पुलिस ने स्टेन स्वामी का हस्ताक्षर भी कराया है। तीन घंटे की गुप्त कार्रवाई के बाद कोरेगांव पुलिस स्टेन स्वामी के घर से जांच करने के बाद लौट गई है। कोरेगांव पुलिस की कार्रवाई की सूचना मिलने के बाद सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला, वासवी किड़ो समेत अन्य लोग पहुंचे थे।

इधर, स्टेन स्वामी ने कहा है कि कोरेगांव पुलिस जिस मामले की जांच करने पहुंची है। उसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। ना ही कभी भीमा-कोरेगांव गए हैं। कुछ माह पहले भी पुणे पुलिस ने दोस्त एडवोकेट गाडलिक के घर की जांच करने के बाद कई सामान जब्त किए थे। इस जांच के दो माह बाद पुलिस ने एडवोकेट गाडलिक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अब पुणे पुलिस उसी आधार पर मंगलवार को घर से सामान जब्त कर ले गई है।

फादर स्टेन स्वामी जल, जंगल, जमीन के सवाल पर हमेशा मुखर रहे हैं। नगड़ी में जमीन का सवाल हो, खूंटी में पत्थलगड़ी का मामला हो या फिर सात साल पहले झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन ग्रीन हंट का मामला वे आदिवासियों के साथ खड़े नजर आए, जिसके कारण उन्हें माओवादी समर्थक भी कहा गया। इस छापेमारी पर सामाजिक कार्यकर्ता और विस्थापन के सवाल को उठाने वाली वासवी किड़ो ने कहा कि फादर स्टेन यहां पिछले 40-50 साल से काम कर रहे हैं। अब तक उनके ऊपर कोई आरोप नहीं लगा था। जमीन के सवाल को लेकर लड़ने वाली सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला ने कहा कि सरकार उन्हें तंग कर रही है, जो मानवाधिकार की बात उठाते हैं। यह तंग करने की कोशिश है।

फादर स्टेन स्वामी पर झारखंड के खूंटी थाना में 26 जुलाई 2018 को आइटी एक्ट में एक केस दर्ज किया गया है। इसमें देशद्रोह, सोशल मीडिया के माध्यम से पत्थलगड़ी को बढ़ावा देने, सरकार के खिलाफ लोगों को भड़काने, सरकारी योजनाओं का विरोध करने का आरोप लगा था। फादर स्टेन स्वामी पर देशद्रोह के मुकदमे को लेकर खूंटी एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा ने कहा कि यह अनुसंधान का विषय है, अभी जांच चल रही है।

स्टेन स्वामी के यहां छापे पर माले ने कड़ा एतराज जताते हुए इसे लोकतंत्र पर हमला बताया है। माले के राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद ने जारी बयान में कहा है कि फादर स्वामी के यहां की गई पुलिसिया छापेमारी लोकतंत्र पर खतरनाक हमला है। यह लोकतांत्रिक संघर्षों को कुचलने की एक गहरी साजिश है। प्रसाद ने कहा कि भाजपा सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए उनके खिलाफ बढ़ते आंदोलन को दबाने की नाकाम कोशिश कर रही है। भाकपा माले फादर स्टेन के यहां की गई छापेमारी की सख्त निंदा करते हुए सरकार से मांग करती है कि वह तत्काल दमनात्मक कार्रवाई पर रोक लगाए, नहीं तो इस दमन के खिलाफ सड़कों पर प्रतिवाद किया जाएगा।

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