झारखंड रांची

रांची : अब नये सिरे से संयुक्त स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा होगी

सरकार की दलील स्वीकार एकल पीठ का आदेश निरस्त

रांची : झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा वर्ष 2016 में आयोजित संयुक्त स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा (पीटी) अब नये सिरे से होगी. झारखंड हाइकोर्ट ने सोमवार को अपील याचिका पर सुनवाई के बाद एकल पीठ का आदेश निरस्त कर दिया.

 

साथ ही राज्य सरकार को संयुक्त स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा लेने के लिए यथाशीघ्र अधियाचना झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) को भेजने के लिए  कहा. 

एक्टिंग चीफ जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस अमिताभ कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए उक्त  फैसला सुनाया. राज्य सरकार की अपील याचिका को खंडपीठ ने स्वीकार कर लिया. राज्य सरकार की अोर से अधिवक्ता अतानू बनर्जी ने पक्ष रखा. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की अोर से वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार सिन्हा, अधिवक्ता संजय पिपरवाल व अधिवक्ता प्रिंस कुमार ने पक्ष रखा.

 

प्रार्थी ने राज्य सरकार की अोर से अपील याचिका दायर कर एकल पीठ के आदेश को चुनाैती दी थी. जस्टिस डॉ एसएन पाठक की एकल पीठ ने प्रार्थी रंजीत कुमार गुप्ता व अन्य की अोर से दायर रिट याचिका पर फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार की अधियाचना वापस लेने संबंधी निर्णय को निरस्त कर दिया था.

 

 कहा था कि वर्ष 2015 की नियमावली के आधार पर गैर तकनीकी पदों पर नियुक्ति के लिए पीटी में सफल उम्मीदवारों के लिए मुख्य परीक्षा आयोजित करे. तकनीकी पदों पर नियुक्ति के लिए वर्ष 2017 की नियमावली के आलोक में प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) लेने की कार्रवाई करे. 

 

उल्लेखनीय है कि जेएसएससी ने संयुक्त स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा-2015 के तहत 14 संवर्ग में 1150 पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला था. जेएसएससी ने 21 अगस्त 2016 को प्रारंभिक परीक्षा ली थी. 25 अक्तूबर 2016 को उसका रिजल्ट भी जारी किया गया. 

 

बाद में 18 जनवरी 2017 को राज्य सरकार ने नियुक्ति संबंधी अधियाचना को वापस लेने का निर्णय लिया. इसे उम्मीदवार रंजीत कुमार गुप्ता व अन्य की अोर से हाइकोर्ट में चुनाैती दी गयी.   

 

इन पदों के लिए शुरू हुई थी प्रक्रिया

प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी, प्रखंड कल्याण पदाधिकारी, सहकारिता प्रसार पदाधिकारी, सचिवालय सहायक, अंचल निरीक्षक, प्रखंड कृषि पदाधिकारी,  सहायक अनुसंधान पदाधिकारी, पाैधा संरक्षण निरीक्षक, सांख्यिकी सहायक, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, वरीय पर्यवेक्षक, उद्योग विस्तार पदाधिकारी, मत्स्य प्रसार पर्यवेक्षक व भू-तात्विक विश्लेषक.

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *